नई दिल्ली (विश्वरूप प्रियदर्शी): 20,000 करोड़ रुपये के बिटकॉइन घोटाला मामले (Bitcoin Fraud Case) में प्रवर्तन निदेशालय (ED- Enforcement Directorate) ने बीते बुधवार (1 जून 2022) देर शाम तक दिल्ली (Delhi) समेत 6 जगहों पर छापेमारी की। करीब 80 हजार निवेशकों के साथ धोखाधड़ी के आरोप में जांच एजेंसी ये बड़ी कार्रवाई कर रही है। छापेमारी के दौरान ईडी ने अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों समेत अहम सबूत और दस्तावेज जब्त किये।
ईडी मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अमित भारद्वाज (Amit Bhardwaj), उनके भाई अजय भारद्वाज (Ajay Bhardwaj) समेत और कई अन्य आरोपियों से जुड़े इस मामले में जांच जारी है। अमित भारद्वाज की मौत हो गयी है, लेकिन संचित अलग और सहरावत समेत अन्य आरोपियों पर जांच की कार्रवाई लगातार जारी है।
ईडी सूत्रों के मुताबिक बुधवार को की गई छापेमारी के दौरान दिल्ली स्थित एक लॉ फर्म से जुड़े कई अधिकारियों और वकीलों के भी यहां भी छापेमारी की गयी। चूंकि मामले में जांच चल रही है, इसलिए उस कानूनी फर्म के नाम का खुलासा नहीं किया जा रहा है। लेकिन छापेमारी के दौरान बेहद अहम दस्तावेज मिले जिनकी जांच की जा रही है।
सुप्रीम के निर्देशों का हुआ उल्लंघन
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में बिटकॉइन घोटाला मामले की सुनवाई चल रही है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को निर्देश देते हुए कहा था कि बिटकॉइन करेंसी से जुड़े यूजर नेम और पासवर्ड की जानकारी ईडी के जांचकर्ताओं को दी जानी चाहिये क्योंकि ये मामला करीब 80,000 निवेशकों से जुड़ा मामला है। हालांकि अभी तक आरोपी द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन नहीं किया गया है। इसलिये इस वजह से भी छापेमारी की कार्रवाई की गयी है।
इस तरह अमित भारद्वाज बना सबसे बड़े बिटकॉइन माइनिंग ऑपरेशन का शहंशाह
क्रिप्टोक्यूरेंसी एक तरह की आभासी या डिजिटल मुद्रा है। बिटकॉइन समेत कई तरह की क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में मौजूद हैं। भारत में इस करेंसी को लॉन्च करने का श्रेय अमित भारद्वाज को जाता है। उन्होंने साल 2014 में पहला ऑनलाइन रिटेल मार्केटप्लेस खोला, जिसके जरिये बिटकॉइन को मंजूर किया गया।
अमित भारद्वाज ने मैकाप नाम का एक नया बिटकॉइन लॉन्च कर हजारों लोगों को ठगा। उनका क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग (Cryptocurrency Mining) का काम चीन (गेन बिटकॉइन) और हांगकांग (जीबी माइनर्स) जैसे देशों से भी चलाया जाता था। इसलिये इस टेक्नोलॉजी के जरिये इस बिजनेस को और बढ़ाने के लिये मैकाप के नाम से एक नया बिटकॉइन लॉन्च किया गया। लेकिन इसके नाम पर भी हजारों लोगों को ठगा गया।
इस मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने भी मामला दर्ज किया था। इसकी जांच डीसीपी केपीएस मल्होत्रा (DCP KPS Malhotra) के मार्गदर्शन में की जा रही है। आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offenses Wing) के सूत्रों की माने तो दिल्ली पुलिस (Delhi Police) में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पूरक चार्जशीट दाखिल कर आगे की जांच के बाद जल्द ही कार्रवाई की जायेगी।