नई दिल्ली (श्री हर्षिणी सिंधू): प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज (2 अगस्त 2022) कथित नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले (National Herald Money Laundering Case) में दिल्ली में कई ठिकानों पर दबिश देकर तलाशी ली। इस तलाशी में ईडी ने बहादुर शाह जफ़र मार्ग (Bahadur Shah Zafar Marg) पर बने हेराल्ड हाउस में भी छानबीन की।
गौरतलब है कि नेशनल हेराल्ड मामला धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच से जुड़ा हुआ है। ये मामला नौ महीने पहले निचली अदालत द्वारा निजी अपराधी के आधार पर की गयी, आयकर विभाग की जांच का संज्ञान लेने के बाद दर्ज किया गया था। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने मामले में शिकायत साल 2013 में दर्ज करायी थी।
मामले में याचिकाकर्ता ने ये इल्ज़ाम लगाते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था कि, नेशनल हेराल्ड अखबार का मालिकाना हक़ रखने वाले एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL- Associated Journals Limited) की धोखाधड़ी से हासिल की गयी संपत्ति गलत तरीके से यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YIL- Young Indian Private Limited) को ट्रांसफर कर दी गयी।
यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड में सोनिया गांधी और राहुल गांधी (Sonia Gandhi and Rahul Gandhi) के पास 38-38 फीसदी शेयरों का मालिकाना हक़ है। इस तरह गांधी परिवार के पास वाईआईएल में 76 फीसदी शेयर है। बाकी के शेयर मोती लाल वोहरा और मल्लिकार्जुन खड़गे (Motilal Vohra and Mallikarjun Kharge) समेत अन्य कांग्रेसी नेताओं के पास है।
YIL के प्रमोटरों में सोनिया गांधी और राहुल गांधी शामिल हैं। स्वामी ने आरोप लगाया था कि गांधी परिवार ने धोखाधड़ी की और पैसों का गलत इस्तेमाल किया, YIL ने सिर्फ 50 लाख रुपये का भुगतान करके 90.25 करोड़ रुपये वसूलने का हक़ हासिल कर लिया, जो कि AJL पर कांग्रेस का बकाया था।