न्यूज डेस्क (श्री हर्षिणी सिंधू): प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और उनके बेटे राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को तलब किया। समन पर कांग्रेस पार्टी (Congress Party) से तीखी प्रतिक्रिया मिली है, उन्होनें आरोप लगाया है कि साल 2015 में जांच एजेंसी द्वारा मामले को बंद कर दिया गया था। भाजपा राजनीतिक विरोधियों को डराने के लिए कठपुतली एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मामले पर कहा कि, ‘नेशनल हेराल्ड का इतिहास आजादी के दिनों से है।
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी (Congress leader Abhishek Manu Singhvi) ने आगे कहा कि- साल 2015 में ईडी ने नेशनल हेराल्ड (National Herald) मामले को बंद कर दिया। लेकिन मोदी सरकार को ये पसंद नहीं आया और उन्होनें संबंधित ईडी अधिकारियों को हटा दिया, नये अधिकारियों को लाया गया और मामले को फिर से खोल दिया। ये मंहगाई और दूसरी बड़ी समस्यायों से आम जनता का ध्यान हटाने की कवायद है।
इससे पहले अप्रैल 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड मामले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) से पूछताछ की थी।
गौरतलब है कि साल 2020 में प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA- Prevention of Money Laundering Act) के तहत मुंबई के बांद्रा में प्रमुख संपत्तियों में से एक को कुर्क किया था। सैकड़ों करोड़ रुपये के बाजार मूल्य वाली उक्त संपत्ति को अवैध रूप से एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL- Associated Journals Limited) को आवंटित किया गया था।
सुब्रमण्यम स्वामी ने नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाने के बाद सोनिया गांधी और राहुल गांधी को दिल्ली की अदालत में घसीटे जाने के बाद बांद्रा की साजिश सुर्खियों में आयी थी। बांद्रा में उक्त संपत्ति नेशनल हेराल्ड को 1983 में समाचार पत्र प्रकाशित करने के लिये कम दामों पर मुहैया करवायी गयी थी।
इसी तरह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इससे पहले दिसंबर साल 2018 में एसोसिएटेड जर्नल्स और नेशनल हेराल्ड केस के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) द्वारा आवंटित मोहाली में 30 करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क किया था। सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल हेराल्ड केस के संबंध में वित्तीय वर्ष 2011-2012 के लिये अपने टैक्स निर्धारण को फिर से खोलने के आयकर विभाग के फैसले को बरकरार रखा।
जाने आखिर क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?
नेशनल हेराल्ड घोटाला भारतीय इतिहास में सबसे अहम कानूनी मामलों में से एक है, क्योंकि गांधी परिवार इस मामले में सीधे आरोपी की कतार में दिख रहा हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया की मां-बेटे की जोड़ी, उनके सहयोगियों – ऑस्कर फर्नांडीज, मोतीलाल वोहरा और सैम पित्रोदा (Oscar Fernandez, Motilal Vohra and Sam Pitroda) के साथ एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के अधिग्रहण में बड़े पैमाने पर ‘धोखाधड़ी और विश्वासघात’ में शामिल होने का आरोप है। (एजेएल) यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YIL – Young Indian Private Limited) द्वारा करोड़ों रूपये की संपत्ति कथित तौर पर मामूली रकम पर बेची गयी। मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को दिसंबर 2015 में बिना शर्त जमानत मिली थी।