न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): बढ़ते वायु प्रदूषण (Air Pollution) के बीच गौतमबुद्धनगर में सभी शिक्षण संस्थानों (Educational Institutions) को बंद करने का फरमान अब वापस ले लिया गया है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आज (18 नंवबर 2021) घोषित आदेश को तुरन्त प्रभाव से वापस ले लिया। ताजातरीन अपडेट के मुताबिक उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वायु प्रदूषण को देखते हुए गाजियाबाद, गौतम बौद्ध नगर, मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली और बुलंदशहर में सभी शिक्षण संस्थानों को बंद करने का आदेश वापस ले लिया।
गौतमबुद्धनगर प्रशासन (Gautam Budh Nagar Administration) ने पहले सभी स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को अगली सूचना तक बंद करने का फरमान जारी किया था। हाल ही में नोएडा के जिलाधिकारी सुहास एलवाई (District Magistrate Suhas LY) के कार्यालय के हवाले से खब़र सामने आयी थी कि ‘एनसीआर इलाके में वायु प्रदूषण को देखते हुए गौतमबुद्धनगर जिले के सभी शैक्षणिक संस्थानों को अगले आदेश तक बंद करने का फैसला किया गया है। शिक्षा का ऑनलाइन तरीका जारी रहेगा। ”
इस बीच केंद्र द्वारा बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में अत्यधिक उच्च वायु प्रदूषण से निपटने के लिये वायु प्रदूषण पर आयोग द्वारा सख्त कदम उठाये गये हैं। इन उपायों में सभी सार्वजनिक और साथ ही निजी शैक्षणिक संस्थानों को पूरी तरह से बंद करना, कुछ अपवादों को छोड़कर ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध और दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में स्थित छह ताप विद्युत संयंत्रों (Thermal Power Plants) को बंद करना खासतौर से शामिल है।
एनसीआर और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने बीते मंगलवार (16 नंवबर 2021) को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर केंद्र सरकार, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजस्थान की राज्य सरकारों के साथ गहन बातचीत की थी। इस बातचीत के बाद औद्योगिक उत्सर्जन, वाहनों से होने वाले उत्सर्जन, डीजल जनरेटर, धूल नियंत्रण और वर्क फ्रॉम होम जैसे मामलों पर बातचीत की गयी। साथ ही प्रदूषण से निपटने के लिये कई आपातकालीन कार्रवाइयों को आगे पर भी सहमति बनी।