न्यूज़ डेस्क (महाराष्ट्र): मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विद्रोही शिवसेना विधायक एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde), जो लगभग 50 पार्टी विधायकों और निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ गुवाहाटी के रैडिसन ब्लू होटल में डेरा डाले हुए हैं, ने कल रात गुजरात के वडोदरा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) से मुलाकात की।
रिपोर्ट के मुताबिक, शिंदे असम के गुवाहाटी से विशेष विमान से आधी रात के करीब वडोदरा आए और सुबह करीब छह बजे वापस चले गए। साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) भी कल रात वडोदरा में थे। हालांकि, वह शिवसेना के बागी से मिले या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है।
इस बीच बागी विधायकों ने अपने समूह का नाम 'शिवसेना बालासाहेब' (Shiv Sena Balasaheb) रखने का फैसला किया है। शिवसेना के बागी विधायक दीपक केसरकर ने कहा, "हमने शिवसेना बालासाहेब नाम से एक नया समूह बनाने का फैसला किया है। हम भविष्य में इस समूह का नाम रखेंगे 'शिवसेना बालासाहेब'। नवगठित समूह के नाम पर हमारा कार्यालय विधान भवन में होगा।"
अपने समूह के पंजीकरण की समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि नवनिर्वाचित नेता एकनाथ शिंदे इस मामले पर फैसला करेंगे। केसरकर ने कहा, "यह फैसला एकनाथ शिंदे लेंगे, वह हमारे नेता हैं और वह इस पर फैसला करेंगे।"
हालांकि, गुट के नाम पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना अध्यक्ष और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने विद्रोहियों पर तीखा हमला किया।
शिवसेना भवन में आज दोपहर शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे उद्धव ठाकरे ने कहा, "चुनाव जीतने के लिए मेरे पिता का नाम न लें, अपने पिता के नाम का इस्तेमाल करें।"
ठाकरे ने यह भी कहा कि पार्टी भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को यह सुनिश्चित करने के लिए लिखेगी कि शिवसेना या बालासाहेब ठाकरे के नाम का अनधिकृत व्यक्तियों या ऐसे "टर्नकोट" के समूहों द्वारा उनके राजनीतिक हितों के लिए दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए और ऐसा करने वालों के खिलाफ वे कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।