न्यूज़ डेस्क (मोनी): उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ को ताला (Lock) नगरी से भी जाना जाता है, यहां पर ताले का काम कुटीर उद्योग के तौर पर होता हैं। अलीगढ़ में ताला कारोबार का उद्योग काफी समय से चलता आ रहा हैं।
इन सबके बीच अलीगढ़ के रहने वाले एक वृद्ध जोड़े ने अपने ताले के छोटे काम को कुछ अलग पहचान दिलाने की ठानी है। बता दें कि वृद्ध व्यक्ति का नाम सत्यप्रकाश शर्मा जो अपनी पत्नी रुक्मणी शर्मा के साथ मिलकर दुनियां का सबसे बड़ा ताला बना रहे हैं।
दरअसल, अलीगढ़ के ज्वालापुरी में एक छोटे से कमरे में 300 किलो का वजनी ताला बनाया जा रहा है। इस ताले को वृद्ध जोड़ा अपने रिश्तेदारों और बच्चों की मदद से बना रहा हैं। सत्यप्रकाश के घर ताले का काम पुश्तैनी है जिसको उनके पूर्वज भी करते थे।
सत्यप्रकाश के घर करीब 100 साल से अधिक समय से ताले का काम हो रहा है पहले बाप-दादा भी इसी काम से जुड़े थे और अब वह भी यही काम करते हैं। 6 फीट लंबे व 2 फीट 9:50 इंच चौड़े इस ताले को बनाने में पीतल का इस्तेमाल किया गया है और इसको बनाने में करीब एक लाख रुपये का खर्चा आएंगा।
वहीं अभी यह ताला तैयार हो रहा है और सत्यप्रकाश शर्मा कहते हैं कि मैंने बचपन से यह काम शुरू किया था। मेरा सपना यह था कि मैं अपनी पहचान के लिए ऐसी चीज बनाऊं जिससे अलीगढ़ का नाम रौशन हो जाए। मेरे पास पैसों की थोड़ी कमी थी लेकिन मुझे लोगों से सहयोग भी मिला।
गौरतलब है कि ताला कारोबारी ने अलीगढ़ (Aligarh) को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर एक बड़ी पहचान दिलाई है। उत्तर प्रदेश सरकार की योजना वन डिस्ट्रिक्ट और वन प्रोडक्ट में अलीगढ़ के ताला उद्योग को भी चयन किया गया हैं।