नई दिल्ली (गौरांग यदुवंशी): तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी, असम और पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों की तारीखों (Election Date) का ऐलान, चुनाव आयोग ने विज्ञान भवन में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किया। चुनावी तारीखों की घोषणा होते ही इन सभी राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गयी। इस कवायद को लेकर पिछले कई दिनों से चुनाव आयोग में लगातार बैठकों का दौर जारी था। जिसमें पांच राज्यों में आगामी चुनावों को लेकर तैयारियों को आखिरी रूपरेखा देने पर चर्चा हुई। इन्हीं बैठकों मे चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती का भी फैसला लिया गया।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनावी तारीखों के ऐलान करते हुए, उसका पूरा शेड्यूल मीडिया के सामने रखा। आसाम में विधानसभा चुनाव तीन चरणों में सम्पन्न करवाये जायेगें। जिसके पहले चरण की अधिसूचना 2 मार्च को जारी कर दी जायेगी। नामांकन की आखिरी तारीख 9 मार्च को होगी। 27 मार्च को मतदान और 2 मई को वोटिंग काउन्टिंग होगी। दूसरे चरण की वोटिंग 1 अप्रैल को और तीसरे फेज का मतदान 6 अप्रैल को होगा। जिसमें 40 सीटें शामिल होगी।
केरल में विधानसभा चुनाव एक ही फेज में सम्पन्न करवाया जायेगा, जिसके तहत वोटिंग 6 अप्रैल को होगी। इसी दिन मल्लापुरम लोकसभा सीट पर भी उपचुनाव सम्पन्न करवाये जायेगें। तमिलनाडु की सभी 234 विधानसभा सीटों पर भी एक चरण में वोटिंग होगी। इसके लिए 6 अप्रैल का दिन निर्धारित किया गया है।
पुडुचेरी में भी एक ही फेज में 6 अप्रैल को वोटिंग करवायी जायेगी। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव आठ चरणों मे पूरा करवाया जायेगा। जिसके पहले चरण में पूर्व मिदनापुर भाग-1 पुरुलिया झारग्राम, पश्चिम मिदनापुर भाग-1, बांकुरा में 27 मार्च को मतदान होगा। मतदान का दूसरा चरण 1 अप्रैल को सम्पन्न होगा। जिसमें बांकुरा भाग दो, पश्चिम और पूर्वी मिदनापुर भाग-2, दक्षिण 24 परगना भाग 1 शामिल होगें। तीसरा चरण 6 अप्रैल को होगा। चौथा चुनावी चरण की वोटिंग 10 अप्रैल को होगी। जिसमें 24 दक्षिण परगना भाग 3, अलीपुरद्वार, कूच बिहार, हावड़ा भाग 2 और हुगली भाग-2 वाली विधानसभा सीटों को शामिल किया गया है। पांचवें फेज में 45 सीटों के लिए वोटिंग 17 अप्रैल की करवायी जायेगी। छठे चरण की वोटिंग 22 अप्रैल को होगी, सातवें चरण की वोटिंग 26 अप्रैल को होगी और आठवें चरण का मतदान 29 अप्रैल को सम्पन्न करवा लिया जायेगा। पांचों राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीज़े 2 मई को जारी कर दिये जायेगें।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने मीडिया को बताया कि- इन चुनावों में पोलिंग बूथों की संख्या में काफी इज़ाफा किया गया है। सिर्फ बंगाल में ही एक लाख से ज्यादा पोलिंग बूथ बनाये जायेगें। चुनावी प्रक्रिया शुरू होने से ठीक पहले चुनावी कवायदों में लगे सभी कर्मचारियों को कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) लगायी जायेगी।
महामारी के हालातों, सोशल डिस्टेसिंग और कोरोना गाइडलाइंस का ध्यान रखते हुए मतदान के समय को एक घंटा बढ़ा दिया जायेगा। इसके साथ ही चुनावी उम्मीदवार ऑनलाइन नामांकन करवा सकेगें। डोर-टू-डोर कैम्पेन में सिर्फ पांच लोग ही शामिल हो सकेगें। इसके साथ ही राजनीतिक दल रोड शो निकाल सकेगें।
इसके साथ ही मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस बार चुनाव सीसीटीवी की निगरानी में संपन्न किये जायेगें। सभी मतदान केन्द्र ग्राउंड फ्लोर पर बनाये जायेगें। बंगाल विधानसभा चुनावों के लिए अजय नाइक पर्यवेक्षक (Supervisor) की भूमिका में रहेगें। अपराधिक इतिहास वाले उम्मीदवारों को अपने क्राइम रिकॉर्ड के बारे में तीन बार अखबार में जानकारी छपवानी पड़ेगी। पुड्चेरी के उम्मीदवारों के लिए चुनावी खर्च की सीमा 22 लाख से बढ़ाकर 30 लाख कर दी गयी है।
चुनावी राज्यों पर नज़र डाले तो सबसे बड़ा सियासी मुकाबला पश्चिम बंगाल में है। जहां विधानसभा की 294 सीटें पर भाजपा और टीएमसी की सीधी टक्कर है। कांग्रेस और वामदल इस लड़ाई में कहीं भी नज़र नहीं आ रहे है। वहीं अससुद्दीन औवैसी की अगुवाई वाली एआईएमआईएम कुछ बड़ा उल्टफेर कर सकती है। माना जा रहा है कि एआईएमआईएम कांग्रेस, वामदलों और टीएमसी के स्थापित वोटबैंक में सेंधमारी कर सकती है।
आसाम के मौजूदा राजनीतिक हालतों में एनडीए की सरकार है। यहां 126 सीटें हैं। प्रदेश में असम गण परिषद और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट जैसी क्षेत्रीय ताकतें अहम भूमिका निभाती है। आसाम विधानसभा का कार्यकाल आगामी 31 मई को समाप्त हो रहा है। पिछले विधानसभा चुनावों में इन दोनो क्षेत्रीय क्षत्रपों ने 14 और 12 सीटें जीती थी। वामपंथ के गढ़ केरल में 140 विधानसभा सीटें है। लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट गठबंधन की अगुवाई में पिछले चुनाव में एलडीएफ ने 91 सीटें जीती थी। यहां कांग्रेस की अगुवाई वाला यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट बड़ी विपक्षी गठबंधन है।