न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इटावा आकाश तोमर (Senior Superintendent of Police Etawah Akash Tomar) के विशेष निर्देशों पर जिला पुलिस लगातार अपराधियों पर नकेल कस रही है। हाल ही में जिला पुलिस ने एक गिरोह के दो अभियुक्तों को धर दबोचा। जो कि लंबे समय से चोरी की गाड़ियों को फर्जी कागज़ों के आधार पर बेचा करते थे। प्रदेश में काफी समय से वाहन चोरी होने की शिकायतें आ रही है। इसी क्रम में एसएसपी कार्यालय को सूचना मिली कि, एक गिरोह इसी गोरखधंधे में लगा हुआ है।
सूचना मिलते ही इटावा पुलिस ने विशेष दस्ते (Special squad) का गठन कर मामले की छानबीन के लिए लगाया। टीम की कमान अपर पुलिस अधीक्षक नगर के पास थी। निशानदेही पर दोनों माहिर अपराधियों को रहकर आईटीआई चौराहा के पास धरदबोचा गया। पकड़े गये आरोपियों का नाम भवनीत सिंह उर्फ रौनक पुत्र गुरदीप सिंह और सुरेन्द्र सिंह गुड्डा उर्फ काले पुत्र हरभजन निवासी बताया जा रहा है। दोनों ही पंजाबी कालोनी थाना कोतवाली इटावा के रहने वाले है।
इन दोनों के पास से एक कार, लैपटॉप दो मोबाइल, 11 अदद फर्जी मोहरे ( आरटीओ इटावा व औरैया), ऑनलाइन फर्जी आरसी एवं डीएल आदि बनाने के रसीदें और 54980 रुपए की नगदी बरामद की गयी है। गिरोह के दूसरे सदस्य सॉफ्टवेयर और फर्जी कागज़ों की मदद से चोरी की गाड़ियों के डॉक्यूमेंट तैयार करते थे। जिसके आधार पर आम लोगों को बरगलाकर उन्हें चोरी की गाड़ियां बेच दी जाती थी।
पकड़े गये दोनों शातिर अपराधी सूत मिल के अन्दर फर्जी कागज़ तैयार करते थे। जिन्हें चोरी का वाहन बेचा जाता था। उन्हें आरटीओ इटावा का हवाला दिया जाता था। जिस दौरान इन दोनों की गिरफ्तारी हुई ये टॉर्च को रोशनी में कुछ अपराधिक वारदात को अंज़ाम देने की फिराक में थे। छानबीन में ये भी सामने आया कि दोनों का क्राइम रिकॉर्ड (Crime record) भी रहा है। बीते नंवबर महीने के दौरान गिरोह सदस्यों ने चोरी के 12 ट्रैक्टरों को फर्जी कागज़ों के आधार पर ही बेचा था। जिसके बाद इनकी गिरफ्तारी हुई थी। गिरोह का भंडाफोड करने के लिए दो टीमें गठित की गयी थी। पहली टीम की अगुवाई उप निरीक्षक सत्येन्द्र सिंह यादव कर रहे थे। दूसरी टीम की कमान अनिल कुमार चौबे प्रभारी निरीक्षक के पास थी।