न्यूज डेस्क (एकता सहगल): हाल ही में इटावा जिला पुलिस (Etawah District Police) ने बेहद शातिर गिरोह का भंडाफोड किया था। गिरोह के सदस्य लोगों को कम पैसे में डॉलर मुहैया करवाने के नाम पर ठगी का गोरखधंधा चला रहे थे। इसी क्रम में अभियुक्तों ने जिले के एक व्यवसायी को फॉरेन एक्सचेंज का झांसा देते हुए 8 लाख रूपये की ठगी की थी। शिकायर्ता दर्ज होने पर जिले के एसएसपी आकाश तोमर ने विशेष टीम को गठन कर इस साइबर अपराध की छानबीन शुरू करवायी जिसके बाद ठगों को धरदबोचा गया।
इसी क्रम में एसएसपी इटावा आकाश तोमर ने ट्रैडीं न्यूज को बताया कि, हमें काफी पेचीदा शिकायत मिली कि दिल्ली-एनसीआर, आगरा, इटावा, फतेहपुर और कानपुर में साइबर धोखाधड़ी करने वाला गिरोह सक्रिय है। जो कि सस्ते में डॉलर-रूपये एक्सचेंज करने के नाम लोगों को अपने जाल में फंसाता है। इस दौरान शिकायतकर्ता ने मेरे समक्ष सबूत के तौर पर 8,000 रूपये नकद के बदले में 20,000 डॉलर की नकली रसीदें दिखाई। लोगों को अपने जाल में लेने के लिए गिरोह के सदस्यों ने कई फर्जी वेबसाइटों और मोबाइल ऐप तैयार की थी। जिनका इंटरफेस देखने में हूबहू असली लगता था।
एसएसपी तोमर ने आगे बताया कि, धर गया गिरोह कई डार्कवेब हैकर्स की मिलीभगत से काम कर रहा था। जो कि उन्हें सभी साइटों के यूजर नेम और पासवर्ड मुहैया करवाते थे। इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए ये लोग इंवेस्टर्स को करीब आधे पैसों में फॉरेन करेंसी मुहैया करवाने का लालच देते थे। लोग को विश्वास में लेने के लिए फर्जी डिपॉजिट स्लीप देते थे ताकि निवेशकों को ठगी का एहसास तक ना हो सके। ये फर्जी डिपॉजिट स्लिप (Fake deposit slip) भी बड़ी सफाई से तैयार करते थे। देखने में ये पूरी तरह असली लगती है। साइबर ठगों इस काम को अंज़ाम देने के लिए इन वेबसाइटों को तैयार किया था।
http://globpayinc.com/
https://businessglobalpay.com/login
https://instaglobalpay.tech/new/f2.php
https://universalglobalpay.com/secure/
https://nexaglobalpay.com/home/login
https://globalbusinesspay.com/secure/
https://instadirectpay.com/Login
https://easywalletpay.com/Login.aspx
इस ठगी को बेहद शतिराना अंदाज़ में अन्ज़ाम दिया जाता था। लॉ इन्फोर्समेंट और ट्रैकिंग (Law Information and Tracking) से बचने के लिए ये लोग ब्लॉकचैन के इस्तेमाल से बनी क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देने करते थे। जिसकी वज़ह से मनी ट्रैल को सुलझा पाना मुश्किल होता है। इसके साथ ही वेबसाइट बनाने और मोबाइल ऐप डेवलप करने के लिए ये लोग एचटीएमएल सहित एडवांस एल्गोरिथम कोडिंग का सहारा लेते थे। जिससे कि इनके पेमेंट गेटवे से जुड़ी जानकारियां पुलिसिया पहुँच से बाहर रहे। फिलहाल एसएसपी तोमर और उनके द्वारा तैनात टीम ने काफी सूझबूझ के साथ इस मामले को डिकोड करते हुए अपराधियों को धरदबोचा है।