न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज (31 मई 2023) कहा कि आरएसएस और भाजपा (RSS and BJP) देश में राजनीति की सभी चीजों को अपने काबू में कर रहे है। अमेरिका में कैलिफोर्निया के सैंटा क्रूज (Santa Cruz, California) में प्रवासी भारतीयों की एक सभा को संबोधित करते हुए वायनाड (Wayanad) के पूर्व सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की ओर ध्यान दिलाते हुए उन्होंने महसूस किया कि भारतीय राजनीति में ऐतिहासिक रूप से इस्तेमाल किये जानी वाली चीज़ें अब काम नहीं कर रही है। इसी क्रम में उन्होनें आगे कहा कि- “चलने से पहले हम पा रहे थे कि सामान्य उपकरण जो हम राजनीति के लिए इस्तेमाल करते थे … इस तरह की बातचीत, सार्वजनिक बैठकें, अब काम नहीं कर रही थीं। भारत में राजनीति करने के लिये हमें जितने भी उपकरण चाहिए थे, उन सभी पर बीजेपी और आरएसएस का नियंत्रण था।”
भारत में राजनीतिक परिदृश्य के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि- “भारत में लोगों को धमकाया जाता है और उन पर एजेंसियों का इस्तेमाल किया जाता है। तो हम ये भी पा रहे थे कि किसी तरह राजनीतिक तौर पर काम करना मुश्किल हो गया था और इसीलिये हमने भारत के सबसे दक्षिणी सिरे से श्रीनगर (Srinagar) तक चलने का फैसला किया।”
उन्होंने बताया कि कैसे कांग्रेस ने नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोली की लाइन खोज निकाली। उन्होनें कहा कि- “जब हमने शुरुआत की तो मैंने सोचा कि देखते हैं क्या होता है। 5 या 6 दिनों के बाद हमें एहसास हुआ कि असल में 1,000 किलोमीटर पैदल चलना आसान बात नहीं थी। मेरे घुटने में एक पुरानी चोट थी जो कि मुझे काफी परेशान कर रही थी इसलिए मैंने कहा कि अब मैं असल में परेशानी में हूं क्योंकि कोई विकल्प नहीं है, किसी को चलना है और मुझे काफी दर्द हो रहा है। फिर एक आश्चर्यजनक बात हुई। तीन हफ्ते तक हर दिन 25 किमी चलने के बाद एक दिन दोपहर मुझे अचानक महसूस हुआ कि मैं बिल्कुल भी थकान नहीं महसूस कर रहा हूँ।”
उन्होनें आगे कहा कि- “मैं सुबह उठ जाता था, 6 बजे हम पदयात्रा शुरू करते थे, और हम शाम को लगभग 7.30-8 बजे चलना बंद कर देते थे। मुझे ऐसा लग रहा था कि ये बहुत अजीब है कि मुझे बिल्कुल भी थकान महसूस नहीं हो रही है। फिर मैंने आसपास के लोगों से पूछना शुरू किया कि क्या उन्हें थकान महसूस हो रही है। उन्होंने कहा नहीं। मैंने इस बारे में सोचना शुरू किया और मुझे एहसास हुआ कि असल में ये हम नहीं चल रहे थे, ये भारत हमारे साथ चल रहा था। साथ ही बड़ी तादाद में जो लोग आ रहे थे… सभी धर्म, सभी समुदाय, के लोग थे…ये लोग प्यार और स्नेह का ऐसा माहौल बना रहे थे कि किसी को थकान महसूस नहीं हो रही थी। सब साथ चल रहे थे, एक दूसरे की मदद कर रहे थे। यहीं से हमें यह आइडिया आया नफ़रत की बाज़ार में मोहब्बत की दुकान खोली”
उन्होंने आगे बताया कि कार्यक्रम में शामिल होने वाले भारतीय समुदाय को ही ‘मोहब्बत की दुकान’ नाम दिया गया था। राहुल गांधी ने ये भी कहा कि भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) उस भौगोलिक इलाके को बुनने के बारे में नहीं है, जिसे भारत कवर करता है, “भारत जोड़ो यात्रा आपके दिलों में है।” इस बारे में बोलते हुए उन्होनें कहा कि – “भारत जोड़ो यात्रा सभी धर्मों का सम्मान करने और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के बारे में है, अगर कोई इतिहास का अध्ययन करता है तो ये देखा जा सकता है कि गुरु नानक देव जी, गुरु बसवन्ना जी, नारायण गुरु जी समेत सभी आध्यात्मिक नेताओं ने देश को एकजुट इसी तरह किया।”
उन्होंने कहा कि भारत वो नहीं है जो मीडिया में देखा रहा है, जो कि असलियत से दूर पॉलिटिकल नैरेटिव को बढ़ावा देता है। गांधी ने कहा कि, “भारत जोड़ों यात्रा में मेरे लिए ये साफ था कि इन चीजों को पेश करना मीडिया के हित में है, इससे भाजपा को मदद मिलती है। इसलिये ये मत सोचिए कि आप मीडिया में जो कुछ भी देखते हैं वो सच है।”
उन्होंने कहा कि भारत के सभी महान नेताओं ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि किसी को भी इस धारणा में नहीं रहना चाहिए कि वो सब कुछ जानता/जानती है। “गुरु नानक जी, बसवन्ना जी, गांधी जी जैसे नेताओं ने इस धारणा के तहत नहीं रहने पर जोर दिया कि आप सब कुछ हैं। ये दुनिया इतनी बड़ी है कि किसी एक शख्स के लिये ये सोचना बहुत जटिल है कि वो सब कुछ समझता है और वो सब कुछ जानता है।”
इसे बीमारी करार देते हुए गांधी ने कहा कि, ”यही बीमारी है.. कि हमारे पास भारत में ऐसे लोगों की बड़ी जमात है, जिन्हें पूरा यकीन है कि वो सब कुछ जानते हैं। असल में मुझे लगता है कि हो सकता है कि वो सोचते हों कि वो भगवान से भी ज्यादा जानते हैं। वो बैठकर बातचीत कर सकते हैं और उसे समझा सकते हैं, आप जानते हैं कि क्या चल रहा है। निश्चित रूप से हमारे प्रधान मंत्री एक ऐसे ही नमूने हैं।”
पीएम मोदी (PM Modi) पर चुटकी लेते हुए राहुल गांधी ने कहा कि- “मुझे लगता है कि अगर आप मोदीजी को भगवान के बगल में बिठाते हैं, तो मोदीजी भगवान को समझाना शुरू कर देंगे कि ब्रह्मांड कैसे काम करता है। और भगवान भ्रमित हो जाएंगे कि ये मैंने क्या बना दिया है”
उन्होंने (राहुल गांधी) आगे कहा कि “ये अजीब लगता है लेकिन भारत में कुछ लोग हैं जो वैज्ञानिकों को विज्ञान, इतिहासकारों को इतिहास, सेना को युद्ध, वायु सेना को उड़ान के बारे में समझा सकते हैं। जिन्हें असल में कुछ भी समझ में नहीं आता।”