न्यूज डेस्क (यर्थाथ गोस्वामी): चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) या बजरंग बली का जन्मदिन मनाया जाता है। इस साल हनुमान जयंती 6 अप्रैल को मनायी जायेगी। हनुमानजी का जन्म चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन मंगलवार को हुआ था, और पौराणिक कथाओं के अनुसार उन्हें रुद्रावतार (Rudravatar) या भगवान शिव का अवतार माना जाता है। इसी वजह से मंगलवार का दिन बजरंगबली (Bajrangbali) का विशेष दिन माना जाता है और इस दिन उनका व्रत करने और उनकी पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है।
भक्त हनुमान जयंती के त्योहार पर उपवास रखने के साथ-साथ सुंदरकांड (Sunderkand) का पाठ करते हैं, श्रद्धालु उनका भजन कीर्तन करके उपवास समापन करते हैं। इस दिन कई अनुष्ठान किये जाते हैं और पूरे देश में मंदिरों में भंडारे आयोजित किये जाते हैं।
हनुमान जयंती की तिथि
पंचांग के अनुसार हनुमान जयंती 6 अप्रैल को मनाई जाएगी। असल में चैत्र पूर्णिमा (चैत्र पूर्णिमा) 5 अप्रैल बुधवार को सुबह 9 बजकर 19 मिनट से शुरू होकर 6 अप्रैल गुरुवार को 10 बजकर 4 मिनट पर समाप्त हो रही है। फलस्वरूप उदया तिथि मान्यता के अनुसार हनुमान जयंती 6 अप्रैल को ही मनायी जायेगी और इस दिन व्रत रखकर बजरंगबली के पराक्रम को याद करके उनसे रामभक्ति का वरदान माना जाता है।
हनुमान जयंती का समय
6 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 6 मिनट से 7 बजकर 40 मिनट के बीच हनुमान जयंती पूजन का पुण्य काल है। इसके बाद दोपहर 12:24 से 1:58 तक पूजा की जा सकती हैं। इसके अलावा शाम को 5:07 से 8:07 के बीच पूजा का पुण्य काल है।
हनुमान जयंती पूजा विधि
हनुमानजी की पूजा करने के लिये बजरंगबली के लाल फूल, सिंदूर, अक्षत, पान का पत्ता, मोतीचूर के लड्डू, लाल लंगोट और तुलसी के पत्ते चढ़ाये। हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का मन से पाठ करे। हनुमानजी की आरती करें। हनुमानजी को कुछ लड्डू, हलवा, रोटा, बूंदी और केले का भोग लगायें। इस दिन सुंदरकांड और बजरंग बाण (Sunderkand and Bajrang Baan) का पाठ करने का भी विशेष महत्व है। ऐसा करने से बजरंगबली शीघ्र प्रसन्न होते हैं, इससे आपके आसपास की सभी बुरी ऊर्जायें खत्म हो जाती हैं।