विशेषज्ञों का दावा, लड़ाई के दौरान Taiwan का मजबूत ढांचा रोक सकता है चीनी साइबर अटैक

एजेंसियां/न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): चीन ने ताइवान (Taiwan) पर जलडमरूमध्य में दबाव बनाना जारी रख हुआ है, साइबर विशेषज्ञों ने चीन से द्वीप पर संभावित “नाकाम साइबर हमले” की चेतावनी दी है। बीजिंग सात दशकों से ज़्यादा वक़्त तक अलग शासन के बावजूद ताइवान पर पूर्ण संप्रभुता का दावा करता रहा है। चीन ने धमकी दी है कि “ताइवान की आजादी” का मतलब युद्ध है।

इस मामले पर ताइवान में तमकांग विश्वविद्यालय (Tamkang University) में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सहायक प्रोफेसर चेन यी-फैन ने कहा ने कहा कि, वाशिंगटन स्थित अमेरिकी ब्रॉडकास्टर वॉयस ऑफ अमेरिका (वीओए) ने हाल ही में बताया कि विशेषज्ञों का मानना ​​है कि सीधे सैन्य आक्रमण में जान गंवानी पड़ेगी और ताइवान की रक्षा के लिये अमेरिकी सेना को इकट्ठा होना होगा। हालांकि विघटनकारी साइबर हमले (Disruptive Cyber Attacks) अराजकता के बीज़ बो सकते हैं। इससे ताइवान की सुरक्षा नरम पड़ सकती है।

चेन ने आगे कहा कि चीनी ऑपरेटर पहले से ही हर महीने बड़ी तादाद में हमले शुरू करने के लिये इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन साइबर हमलों ज़्यादातर सरकारी और ताइवान की सभी अहम सेमीकंडक्टर कंपनियों (Semiconductor Companies) द्वारा संचालित वेबसाइटों को निशाना बनाया गया। पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स (Strategic Support Force) और उसका नेटवर्क सिस्टम डिपार्टमेंट इस अटैक के पीछे हो सकता है। सफल साइबर हमले ताइवान के अहम बुनियादी ढांचे को नाकाम कर सकते हैं।

मामले पर ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ये हमले खुफिया जानकारी चुराने और "भविष्य में इसकी मदद से किसी तरह के बड़े ऑपरेशन को अंज़ाम दिया जायेगा। जल्द ही साइबर हमले के लिये एक लिस्ट तैयार की जायेगी। साइबर हमले का इस्तेमाल "राष्ट्रीय महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और C2 [कमांड एंड कंट्रोल] सिस्टम को तबाह और नष्ट करने के लिये किया जा सकता है। इससे समाज में अशांति और अराजकता पैदा हो सकती है।

ताइपे में सैन्य रणनीति अनुसंधान फाउंडेशन के अध्यक्ष अलेक्जेंडर हुआंग (Alexander Huang, President of the Military Strategy Research Foundation) ने कहा कि वित्तीय संस्थानों और अन्य टारगेट पर कामयाब साइबर हमले लोगों के विश्वास को हिला देंगे। ताइवान के सभी "महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे" इंटरनेट से जुड़े हुए हैं, उन्होंने कहा कि ये जुड़ाव जो "बड़ी कठिनाइयों" के साथ-साथ लोगों में बड़ी दहशत पैदा कर सकता है।

दिलचस्प बात ये है कि ताइवान पर संभावित चीनी हमले के सवाल पर हाल के महीनों में अमेरिका ने भी अपनी बयानबाजी तेज कर दी है। इस साल अक्टूबर में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि अगर ताइवान पर चीन का हमला हुआ तो अमेरिका उसके बचाव में आयेगा। सीएनएन टाउन हॉल की बैठक में एक सवाल का जवाब देते हुए बिडेन ने कहा, "हां, हमारे पास ऐसा करने की प्रतिबद्धता है।"

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