न्यूज़ डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): सावन खत्म होते ही भाद्रपद (यानि कि 3 अगस्त के बाद) महीने कभी भी कैबिनेट एक्सटेंशन (Cabinet extension) की आधिकारिक घोषणा की जा सकती है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक अगस्त के दूसरे सप्ताह में मोदी कैबिनेट को विस्तार दिया जा सकता है। भाजपा में वास्तु, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिषीय गणनाओं और मुर्हूत को खास़ तव़्ज़्जों दिया जाता है। इसीलिए सावन में महीने में पार्टी ये शुभ काम करने से हिचक रही है। कैबिनेट विस्तार की प्रक्रिया Modi 2.0 गठन से अभी लंबित चल रही है।
संभावनायें ये भी जतायी जा रही है कि कैबिनेट विस्तार से पहले भाजपा अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी (BJP National Executive) और नेशनल टीम में कुछ नये चेहरों को जगह दे सकती है। Modi Govt. 2.0 ने अपनी शुरूआत 30 मई 2019 को 57 मंत्रियों की शपथ ग्रहण के साथ की थी। लोकसभा के तयशुदा नियम के अनुसार अधिकतम 81 मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। Modi Govt. 1.0 के दौरान मंत्रिमंड़ल में कुल 70 मंत्रियों को शामिल किया गया था। अगर पिछले आंकड़े के तर्ज पर अगस्त महीने में कैबिनेट विस्तार होता है तो, 13 नये चेहरों को पुख़्ता तौर पर मंत्रिमड़ल में जगह मिलेगी।
कांग्रेसी खेमे से छिटककर भाजपा में आये ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को भी मंत्रिमड़ल में देखे जाने की पूरी संभावनायें है। राज्यसभा सांसद के बाद उन्हें भाजपा किसी मंत्रालय का कार्यभार सौंपकर युवा मतदाताओं को अपने पक्ष में साधने की कवायद पूरी कर सकती है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक सितंबर महीने में होने वाले 24 सीटों के संभावित उपचुनाव (by-election) से पहले उन्हें केंद्र सरकार में मंत्री के तौर पर देखना चाह रहे है। सिंधिया के समर्थकों में ये मांग जोर पकड़ती जा रही है। समर्थकों का मानना है कि इन उपचुनावों में ज्योतिरादित्य सिंधिया फैक्टर भाजपा का बड़ा सियासी फायदा पहुँचायेगा। आने वाले बिहार चुनावों को देखते हुए जेडीयू खेमे (JDU camp) के किसी नेता को भी कैबिनेट में जगह दी जा सकती है।
फिलहाल मंत्रिमड़ल को विस्तार देने के साथ ही भाजपा अपने संगठन में भी विस्तार करने जा रही है। दोनों जगह चयनित लोगों को कार्यभार देने के लिए मसौदा तैयार किया जा रहा है। कयास ये भी लगाये जा रहे है कि, कुछ लोगों को मंत्रिमड़ल से निकालकर संगठन मजबूत करने का काम सौंपा जा सकता है। इन संभावनाओं में सबसे पहले केंद्रीय सामाजिक अधिकारिता एवं न्याय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर (Union Minister of Social Empowerment and Justice Krishnapal Gurjar) का नाम सामने आ रहा है। उन्हें मंत्रालय के कार्यभार से मुक्त करके हरियाणा प्रदेश भाजपा की कमान सौंपी जा सकती है। दूसरी ओर भाजपा संगठन से भूपेंद्र यादव, डॉ. अनिल जैन और अनिल बलूनी (Bhupendra Yadav, Dr. Anil Jain and Anil Baluni) को कैबिनेट में जगह देने की खब़रे गर्म है।
भाजपा में कैबिनेट विस्तार की भागदौड़ बीते दिसम्बर महीने में देखी गयी थी। कई बैठकों के दौरान पीएम मोदी ने मंत्रियों का रिपोर्ट तैयार करवाया था। जिस पर चर्चा होनी तय थी। लेकिन संगठन के चुनावों (Organization elections) और कोरोना महामारी के कारण सभी कवायदों पर ब्रेक लग गया। मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान छह महीने के भीतर ही कैबिनेट को विस्तार दे दिया गया था। फिलहाल Modi Govt. 2.0 को एक साल से ज़्यादा का समय बीत गया है। ऐसे में इस कवायद को भाजपा जल्द से जल्द पूरा करना चाहेगी।