न्यूज डेस्क (प्रियवंदा गोप): विदेश मंत्री एस. जयशंकर अगस्त में भारत की अध्यक्षता में आज पर “आतंकवादी वारदातों के कारण अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के खतरे” के मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। विदेश मंत्री ने बीते बुधवार (18 अगस्त 2021) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक उच्च स्तरीय बैठक की भी अध्यक्षता की। ये कार्यक्रम ‘संरक्षकों की रक्षा: प्रौद्योगिकी और शांति स्थापना’ के मसले पर खुली चर्चा थी।
तालिबान ने रविवार को काबुल पर कब्जा कर लिया और तालिबानियों ने राष्ट्रपति भवन में अपना वर्चस्व कायम कर लिया। विदेश मंत्रालय (MEA) ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि UNSC की पारी के दौरान ये दोनों विषय भारत के लिये प्राथमिकता सूची में हैं। जयशंकर संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में शांति स्थापना और आतंकवाद (Peacekeeping And Terrorism) के मसलों पर दो उच्च स्तरीय बैठकों की अध्यक्षता करने के लिये बीते सोमवार को न्यूयॉर्क पहुंचे।
संयुक्त राष्ट्र में भारत ने ट्वीट कर लिखा कि, "आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में। विदेशमंत्री डॉक्टर एस. जयशंकर बैठकों की अध्यक्षता करेंगे। जयशंकर ने बीते मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (United Nations Secretary-General Antonio Guterres) से मुलाकात की और अफगानिस्तान के बिगड़ते हालातों पर चर्चा की। जयशंकर ने ट्वीटकर लिखा कि, "संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मिलकर अच्छा लगा। कल सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद हमारी चर्चा अफगानिस्तान पर केंद्रित थी।"
दुनिया अफगानिस्तान के हालातों को करीब से देख रही है क्योंकि कई देश अपने नागरिकों को सुरक्षित करने की कोशिशों में अफगानिस्तान में उलझे हुए है। बीते रविवार को कंधार (Kandahar) के बाद तालिबान काबुल में भी घुस गया। जिसके बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गये। अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी में दहशत फैल गयी क्योंकि लोगों को तालिबान के क्रूर शासन में वापसी और बदले की भावना से प्रेरित हत्याओं का बड़ा खतरा सता रहा है।