न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): दिल्ली सरकार ने पंजाब और हरियाणा के किसानों के विरोध प्रदर्शन (Farmers Protest) को रोकने के लिए शहर के नौ स्टेडियमों (stadiums) को अस्थायी जेल (temporary jail) के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति देने से आज इनकार कर दिया।
दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने आज कहा, “किसानों की मांग जायज है। उन्हें jail में डालना समस्या का हल नहीं है। उनकी मांगों को स्वीकार करना चाहिए।” जैन ने कहा, “यह विरोध अहिंसक है। अहिंसक विरोध हर भारतीय का अधिकार है। इसलिए दिल्ली सरकार ने दिल्ली पुलिस के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है।”
इससे पहले दिन में, दिल्ली पुलिस ने राज्य सरकार से शहर के नौ स्टेडियमों को अस्थायी जेलों के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी थी ताकि किसानों के विरोध प्रदर्शन को रोका जा सके। गौरतलब है की, “किसान मार्च के मद्देनजर, दिल्ली पुलिस ने किसानों को हिरासत में लेने या गिरफ्तार करने के बाद उन्हें रखने के लिए दिल्ली सरकार से नौ स्टेडियमों को अस्थायी जेल के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी थी।”
आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं ने, किसानों को जेल भेजने के किसी भी कदम पर आपत्ति जताई।
AAP विधायक राघव चड्ढा, जो पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं, ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन के लिए अस्थायी जेलों को स्थापित करने के किसी भी कदम का विरोध किया।
AAP के एक अन्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली पुलिस के अनुरोध का उल्लेख करते हुए कहा कि “यह सबसे अमानवीय बात है जो हम कर सकते हैं”।
सिंघू में दिल्ली-हरियाणा सीमा (Singhu border) पर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए शुक्रवार को पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। मार्च के तहत किसान राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ रहे थे।