न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): किसान आन्दोलन (Farmers Protest) के 14वें दिन किसानों ने बुधवार को कृषि कानूनों पर सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया और 14 दिसंबर को देशव्यापी धरने का आह्वान किया है।
किसान नेताओं ने एक ‘दिल्ली घेराव’ (Delhi gherao) योजना की घोषणा करते हुए कहा कि दिल्ली-जयपुर (Delhi-Jaipur) और दिल्ली-आगरा (Delhi-Agra) राजमार्ग 12 दिसंबर तक प्रदर्शनकारियों द्वारा अवरुद्ध (block) कर दिए जाएंगे और देश भर के सभी टोलों को मुक्त कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि बुधवार को किसान यूनियनों के एक प्रतिनिधि समूह को प्रदर्शनकारियों द्वारा उठाए गए कुछ प्रमुख चिंताओं पर सरकार की ओर से एक प्रस्ताव प्रस्ताव भेजा गया है।
केंद्र का ये प्रस्ताव 13 किसान यूनियनों और सरकार के पक्ष के बीच मंगलवार रात को गृह मंत्री अमित शाह के साथ चार घंटे की बैठक के बाद आया है।
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) ने बुधवार को सरकार के प्रस्ताव पर एक बयान जारी करते हुए कहा कि उन्होंने “पुराने प्रस्तावों को नया रूप दिया” है।
बयान में कहा गया कि “मोदी सरकार किसानों की मांगों को हल करने के बारे में झूठी और अभिमानी है, सभी किसान संघ. नए रूप में तैयार किये गये पुराने प्रस्तावों को अस्वीकार करते हैं। AIKCC और सभी किसान संगठन 3 कृषि बिलों और EB 2020 को निरस्त करने की अपनी मांग को दोहरा रहे हैं। आन्दोलन जारी रहेगा, जिला स्तर पर सभी राज्यों में ये आन्दोलन शुरू किया जायेया और अधिक से अधिक संख्या में किसान इन कानूनों के विरोध में दिल्ली में हमारे साथ जुड़ेंगे।
“AIKSCC ने किसान संगठनों का आह्वान किया कि वे सभी जिलों और राज्यों में लगातार धरने पर बैठाने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर अन्य सहायक संगठनों के साथ संयुक्त रूप से आयोजन करें।”
इसमें आगे कहा गया कि, “8 दिसंबर को किया गया भारत बंद किसानों के विरोध प्रदर्शनों को पूरे भारत से निःसंदेह समर्थन मिला है। AIKSCC समर्थन के लिए समाज के सभी वर्गों को बधाई देता है। AIKSCC भारत बंद में जन-भागीदारी को चिन्हित करता है और सभी संगठनों और राजनीतिक दलों से दिल्ली में विरोध प्रदर्शन को तेज करने के लिए किसानों को जुटाने का आह्वान करता है।
किसान नेता प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा ने कहा कि सरकार के प्रस्ताव में कोई नई बात नहीं है और कहा कि किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ अपना विरोध जारी रखेंगे।
एक अन्य किसान नेता, शिव कुमार कक्का ने कहा कि विरोध कर रहे किसान आने वाले दिनों में दिल्ली में प्रवेश करने के लिए सिंघू सीमा (Singhu Border) पार करने का आह्वान कर सकते हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की और कहा कि किसान नेताओं ने केंद्र सरकार के लिखित प्रस्ताव को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया है कि सभी किसान नेता इस बात पर अड़े हैं कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करें और MSP गारंटी कानून लेकर आये।
रिलीज ने यह भी कहा कि देश के सभी किसान “Reliance Jio सिम का बहिष्कार करेंगे”।
“12 दिसंबर को देश के सभी टोलों को किसानों द्वारा मुक्त किया जाएगा। दिल्ली-जयपुर हाईवे 12 दिसंबर को बंद रहेगा। 14 दिसंबर को दिल्ली (Delhi), हरियाणा (Haryana), पंजाब (Punjab), मध्य प्रदेश (Punjab), उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), राजस्थान (Rajasthan), उत्तराखंड (Uttrakhand) के किसान जिला मुख्यालय पर 1 दिन की हड़ताल करेंगे और अन्य राज्यों के किसान 14 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल (indefinite strike) शुरू करेंगे।