एजेंसियां/स्पोर्ट्स डेस्क (नरसिम्हन नायर): FIFA World Cup 2022: कुर्द मूल की 22 वर्षीय ईरानी महसा अमिनी की तेहरान में गिरफ्तारी के तीन दिन बाद हुई मौत के बाद से ईरान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देखे गये। महसा अमिनी की मौत और इस्लामिक ड्रेस कोड (Islamic Dress Code) के खिलाफ के खिलाफ हुए हाल के हफ्तों के विरोध प्रदर्शनों में ईरान के फ़ुटबॉल खिलाड़ी और फ़ुटबॉल फैंस भी इसमें शामिल हुए।
बीते सितंबर महीने में सेनेगल (Senegal) के खिलाफ मैच में ईरान के खिलाड़ी ईरान की महिलाओं के समर्थन में राष्ट्रगान के दौरान अपनी राष्ट्रीय टीम के लोगो को कवर करने के लिये काली जैकेट पहनकर डगआउट में उतरे। विरोध प्रदर्शन से बचने के लिये ईरानी अधिकारियों ने सेनेगल के साथ मैच को ऑस्ट्रिया (Austria) में शिफ्ट कर दिया ताकि विरोध प्रदर्शनों को और भड़काने से रोका जा सके।
ईरानी फुटबॉल के दिग्गज खिलाड़ी अली करीमी (Ali Karimi) और स्टार खिलाड़ी सरदार आज़मौन (Sardar Azmoun) भी इस फेहरिस्त में शामिल है। सरदार आज़मौन ने कहा कि अगर अधिकारी उन्हें टारगेट करते है तब भी उन्हें उनका कोई डर नहीं।
डिफेंडर एहसान हजसफी (Defender Ehsan Hajsafi) ने कहा है कि वो प्रदर्शनकारियों के साथ हैं। इंग्लैंड के खेल से पहले उन्होंने कहा कि, उन्हें पता होना चाहिये कि हम उनके साथ हैं। और हम उनका समर्थन करते हैं। हमें ये मानना होगा कि हमारे देश में हालात सही नहीं हैं और हमारे लोग खुश नहीं हैं। हम यहां हैं लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि हमें उनकी आवाज नहीं बनना चाहिए या हमें उनका सम्मान नहीं करना चाहिये।
मामले को लेकर सभी खिलाड़ी उतने मुखर नहीं रहे हैं। शुक्रवार को करीम अंसारीफर्ड और मुर्तजा पौरालिगंजी (Karim Ansarifard and Murtaza Pouraliganji) ने विरोध प्रदर्शनों के बारे में सवालों के जवाब देने से इनकार कर दिया। डच क्लब फेनोर्ड के लिये खेलने वाले कप्तान अलीरेजा जहांबख्श (Captain Alireza Jahanbakhsh) ने हाल ही में मामले को लेकर इंग्लैंड की मीडिया की जमकर लताड़ा था। उन्होनें कहा था कि- “ईमानदारी से कहूं तो, मुझे यकीन नहीं है कि अगर इंग्लैंड हमारे ग्रुप में नहीं होता तो आप सबसे पहले इस सवाल के साथ आते और दूसरी बात हम सभी अंग्रेजी मीडिया के साथ कुछ हफ़्ते से इस तरह के सवालों का सामना कर रहे हैं। ये सब सुर्खियाँ थीं क्योंकि हम विश्व कप के करीब आते हैं, जो भी कारण हो हमारे साथ माइंडगेम खेला जा रहा है”
मैनेजर कार्लोस क्विरोज (Carlos Queiroz) जो कि मैनचेस्टर यूनाइटेड (Manchester United) में नंबर दो की हैसियत पर रह चुके है ने कहा कि उनके खिलाड़ी विश्व कप में विरोध जताने के लिये आज़ाद हैं, हर किसी को खुद को व्यक्त करने का अधिकार है। लंदन के ब्रेंटफोर्ड क्लब (Brentford Club) के लिये खेलने वाले ईरान के मिडफील्डर समन घोड्डोस (Midfielder Saman Ghoddos) ने मामले पर कहा कि वो हर दिन अपने अंतर्राष्ट्रीय साथियों से ईरान के हालात के बारे में बात कर रहे हैं। उन्होनें कहा कि “कोई भी इसके बारे में खुश नहीं है और हर कोई बदलाव देखना चाहता है। बदलाव बहुत आसान है। लोग जो चाहते हैं वो कुछ खास नहीं है – ये सिर्फ आजादी है।”
बता दे कि हाल ही में तेहरान में ईरान की राष्ट्रीय टीम के एक बैनर में आग लगा दी गयी और एक सोशल मीडिया पोस्ट के हवाले से कहा गया कि “इस्लामिक रिपब्लिक की नफरत करने वाली टीम को चाहे जो भी नतीज़े मिले। हम इस्लामिक रिपब्लिक की टीम की हार का जश्न मनाने के लिये सड़कों पर इकट्ठा होंगे क्रांतिकारी नारे लगाते हुए”