नई दिल्ली (गौरांग यदुवंशी): वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के एक कर्मचारी को गाजियाबाद (Ghaziabad) से हिरासत में ले लिया गया। शुरूआती जानकारी में सामने आया कि वो इस्लामाबाद (Islamabad) में बैठे अपने आकाओं को वित्त मंत्रालय से जुड़े संवेदनशील दस्तावेज और गुप्त जानकारियां मुहैया करवाता था। हाल ही में उसने एक मोबाइल नंबर पर जी20 (G-20) शिखर सम्मेलन से जुड़ा डेटा आईएसआई के एक सीनियर अधिकारी को भेजा था।
आरोपी की शिनाख्त गाजियाबाद के भीम नगर निवासी 27 वर्षीय नवीन पाल (Naveen Pal) के तौर पर हुई है। वो भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में संविदा पर तैनात मल्टी टास्किंग स्टाफ (एमटीएस) था। अधिकारियों को सूचना मिलने के बाद पाल को सोमवार (10 जुलाई) शाम करीब सात बजे गिरफ्तार कर लिया गया। अब उस पर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम और आईटी अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जायेगा।
मामले को लेकर गाजियाबाद के डीसीपी शुभम पटेल (DCP Shubham Patel) का बयान सामने आया, जिसमें उन्होनें कहा कि- “आरोपी केंद्रीय वित्त मंत्रालय में संविदा कर्मचारी है जो कि मल्टी-टास्किंग स्टाफ के तौर पर काम करता है। उसके मोबाइल नंबर से दूसरे मोबाइल नंबर पर संदिग्ध मैसेज भेजे गये…उसने उन मोबाइल नंबरों के साथ गोपनीय दस्तावेज साझा किये और बदले में ऑनलाइन पैसे हासिल किये।”
डीसीपी शुभम पटेल ने आगे कहा कि- “हमें जानकारी मिली थी कि पाल किसी के साथ गोपनीय दस्तावेज़ साझा कर रहा था। हमने उसे हिरासत में लिया और उससे पूछताछ की। हमने उसके फोन की मदद से वेरिफाई किया कि उसने पैसे लेने के बाद कुछ दस्तावेज किसी अज्ञात स्रोत को साझा किये थे।”
जांच के दौरान पुलिस को पाल के फोन में कोलकाता (Kolkata) की अंजलि के नाम से सेव एक मोबाइल नंबर मिला, जिसके पाकिस्तान नंबर होने का शक है। इसके अलावा उसके बैंक लेनदेन को वेरिफाई करते हुए 61 पन्नों का आधिकारिक दस्तावेज भी जब्त कर लिया गया है। पुलिस ने बताया कि उसने पैसे के बदले में गुप्त जानकारी साझा की और बदले में हरेक दस्तावेज़ के लिये उसे 8,000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये मिले।
पुलिस का मानना है कि पाल ने अपने फोन पर महिला को संवेदनशील जानकारी लीक की होगी और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाला होगा। साथ ही अन्य देशों के साथ भारत के संबंधों को भी नुकसान पहुंचाया।
बता दे कि भारत को पिछले साल जी20 की अध्यक्षता मिली थी और इस साल के आखिर में नई दिल्ली निर्णायक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाला है। मोदी सरकार पूरे वर्ष जी20 के साइडलाइन कार्यक्रमों की मेजबानी करती रही है और पाल इन आयोजनों की जानकारियां लीक करके राष्ट्रीय सुरक्षा से लगातार समझौता करता आ रहा था।
गाजियाबाद पुलिस की ओर से पाल को पकड़ने की खबर महाराष्ट्र के आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) द्वारा पुणे शहर के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने के कुछ दिनों बाद सामने आयी है। वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर (Scientist Pradeep Kurulkar) को पाकिस्तानी एजेंट ने लालच देकर गुप्त और गोपनीय डेटा हासिल किया था। वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर डीआरडीओ में कई मिसाइल प्रोग्राम और ड्रोन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट से जुड़े हुए थे, जिसकी गुप्त जानकारियां अब पाकिस्तानी हुक्मरानों के पास है। हनी ट्रेप में फंसने वाले प्रदीप कुरुलकर राष्ट्रीय स्वयं सेवकसंघ (RSS- Rashtriya Swayamsevak Sangh) से जुड़े रहे है, इसलिये इस मामले को लेकर विपक्षी पार्टियों ने खासा इस खब़र को तूल दिया था।