न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): उत्तराखंड सचिवालय संघ (Uttarakhand Secretariat Association) की बीते मंगलवार (7 दिसंबर 2021) से शुरू हुई अनिश्चितकालीन हड़ताल को लेकर अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी। उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू (SS Sandhu, Chief Secretary, Uttarakhand) ने मंगलवार को सभी सचिवों, विभाग प्रमुखों और जिलाधिकारियों को ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’ आदेश जारी कर हड़ताल पर जाने वाले सरकारी कर्मचारियों के वेतन से कटौती करने को कहा। सरकारी कर्मचारियों द्वारा बीमा कवर की मांग सहित कई मुद्दों को लेकर काम का बहिष्कार करने के मद्देनज़र में ये फरमान जारी किया गया था।
उत्तराखंड सचिवालय को अनिश्चितकाल के लिये बंद करने वाले अधिकारियों का नाम लिये बगैर सरकार ने देर रात अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। देहरादून पुलिस (Dehradun Police) के मुताबिक मंगलवार को बिना इज़ाजत के अज्ञात लोग सचिवालय परिसर में जमा हो गये और राज्य सचिवालय में कार्यरत कर्मचारियों और अधिकारियों को जबरन रोका।
पुलिस ने कहा कि उन्होंने कर्मचारियों और अधिकारियों के कार्यालयों में प्रवेश में बाधा डाली और उनके खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। पुलिस ने बताया कि आरोपी लोगों ने सचिवालय स्थित एटीएम चौक पर जमा होकर चक्का भी जाम किया। नया आदेश विभागों के प्रमुखों को काम का बहिष्कार (Work Boycott) करने वाले कर्मचारियों को तनख्वाह भुगतान नहीं करने का निर्देश देता है।
उत्तराखंड सरकार के आदेश में कहा गया कि राज्य कर्मचारी आचरण नियमों के तहत सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों द्वारा प्रदर्शन और हड़ताल की मनाही है। कर्मचारी संघों के आह्वान पर कर्मचारियों द्वारा हड़ताल/काम का बहिष्कार करने के हालात में काम नहीं तो वेतन नहीं के सिद्धांत को लागू करने समेत कुछ अन्य दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।