न्यूज डेस्क (गंधर्विका वत्स): झारखंड उच्च न्यायालय ने आज (17 अप्रैल 2021) को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को करोड़ों रुपये के दुमका कोषागार से चारा घोटाले (Fodder scam) के मामले में जेल से रिहाई का रास्ता साफ कर दिया है। न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह ने आज सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता को जमानत दे दी। उन्हें इस शर्त पर जमानत दी गयी है कि रिहाई के दौरान वो न तो देश छोड़कर बाहर जा सकते है और ना ही पता और मोबाइल नंबर बदल सकते है।
जमानत के बाद राजद ने आधिकारिक बयान (RJD official statement) जारी किया जिसमें पार्टी ने अदालत को धन्यवाद दिया। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने समर्थकों से अपील की है कि, कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुये लालू प्रसाद यादव की जमानत का जश्न मनाएं। बयान में कहा गया कि, देश को महामारी के कारण कठिन दौर से गुजरना पड़ रहा है। इसलिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन सभी को करना चाहिये। इसी के मद्देनज़र कोई भी पार्टी समर्थक 10 सर्कुलर रोड पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आधिकारिक निवास पर समारोह के लिए ना आये। पार्टी संस्थापक की जमानत से आम जनता में काफी जोश है।
बिहार के पूर्व सीएम को दुमका, चाईबासा और देवघर राजकीय कोषागार (State treasury) से 1,000 करोड़ रुपये के गलत तरीके से निकालने के मामले में दोषी ठहराया गया है और रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने उन्हें पहले ही चाईबासा में दर्ज दो और देवघर में एक मामले में जमानत दे दी थी। दुमका कोषागार मामले में जमानत मिलने के बाद उन्हें जल्द ही जेल से रिहा किये जाने की पुख़्ता संभावना है। 1991 से 1996 के दौरान बिहार सरकार के पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने कथित तौर पर दुमका, चाईबासा और देवघर से राजकीय कोषागार से पैसे निकाले थे। जब यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे। झारखंड ने साल 2000 में अलग राज्य का दर्जा हासिल किया और एक अलग राज्य बन गया।
मौजूदा वक़्त में 72 वर्षीय लालू प्रसाद यादव एम्स दिल्ली में भर्ती गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। उन्होंने पहले ही 42 महीने का कारावास पूरा कर लिया है। वो गुर्दे में गंभीर संक्रमण और फेफड़े में पानी इकट्ठा होने के साथ-साथ करीब 16 बीमारियों से घिरे हुए है। इससे पहले रांची के होटवार जेल में सजा काटते हुए डॉक्टरों ने उन्हें बताया था कि उनकी किडनी ने 75 फीसदी काम करना छोड़ दिया है। जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए दिल्ली के एम्स में भर्ती करवाया गया। बेहतर इलाज के लिए उच्च न्यायालय ने इसी साल 23 जनवरी को दिल्ली एम्स में उन्हें भर्ती करवाने के फरमान जारी किये थे।
भाजपा और एनडीए के लिये चुनौती साबित हो सकते है लालू प्रसाद?
अगर लालू प्रसाद यादव सेहतमंद रहे तो, वो एक बार फिर से पुराने रंग में लौट सकते है। जो कि पीएम नरेन्द्र मोदी और भाजपा शीर्ष नेतृत्व के लिये परेशानी का सब़ब बन सकता है। मौजूदा दौर में लड़खड़ाते विपक्ष को वो एक बार फिर से मजबूत डोर बांधने वाले सूत्रधार के रूप में उभर सकते है। उत्तर और दक्षिण भारत के बीच विपक्ष की राजनीति में एकजुटता और पैनापन एक मात्र वहीं ला सकते है। बशर्तें उनकी सेहत उनका साथ दे।
विपक्षी दलों के बीच लालू प्रसाद यादव का चेहरा काफी विश्वसनीय है। ऐसे में वो पुख़्ता तौर पर मोदी सरकार के खिलाफ मजबूत सियासी किलेबंदी तैयार कर सकते है। अगर उनकी सेहत उनका साथ ना दे तो भी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व उनके मार्गदर्शन में मजबूत कवायदों को अंज़ाम देकर 2024 से पहले एक मजबूत विपक्ष गठबंधन की चुनौती भाजपा के सामने पेश कर सकता है। ये बात पहले भी कई बार प्रकाश करात और शरद पवार मान चुके है। अब देखना ये होगा कि वो सक्रिय राजनीति में आते है या सिर्फ मशवरा देने तक ही सीमित रहते है।