नई दिल्ली (शौर्य यादव): रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सोमवार आज (9 अगस्त 2021) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक में हिस्सा लेंगे, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। बैठक समुद्री सुरक्षा पर होगी और भारतीय समयानुसार बैठक शाम 5.30 बजे शुरू होगी। ये बैठक ऐसे वक़्त में हो रही है जब भारत सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष है और परिषद में सभी आला दर्जें एजेंडा तय कर रहा है।
क्रेमलिन प्रेस सेवा ने एक बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) के ढांचे के भीतर ‘समुद्री सुरक्षा में वृद्धि: अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से जुड़ी बैठक में हिस्सा लेगें। ये बैठक वर्चुअल माध्यम से की जायेगी। ये कार्यक्रम भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर आयोजित किया जा रहा है। भारत इस साल अगस्त महीने में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता कर रहा है”
रूसी राष्ट्रपति (Russian President) की भागीदारी और पहल साफतौर पर दिखाती है कि दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों के लिये मास्को का खुला समर्थन है। रूस परिषद का स्थायी सदस्य है। मास्को लगातार P5 और सुरक्षा परिषद के उच्च सदन में भारत के आने के बाद से ही नई दिल्ली के साथ बेहतरीन समन्वय कर रहा है। सुरक्षा परिषद में भारत की कार्यकाल बतौर गैर-स्थायी सदस्य दो सालों के लिये होगा। भारत की कार्यकाल इसी साल 1 जनवरी 2021 से शुरू हुआ है।
पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस की अध्यक्षता करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। इस बैठक में कांगो के राष्ट्रपति सहित कई राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्यक्ष भाग लेंगे। बैठक में समुद्री अपराध और असुरक्षा (Maritime crime and insecurity) का मुकाबला करने और समुद्री क्षेत्र में समन्वय को मजबूत करने के तौर तरीके खोजने पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा।
इसी मुद्दे पर विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि, "ये पहली बार होगा जब इस तरह की उच्च-स्तरीय खुली चर्चा में एक विशेष एजेंडा आइटम (Special Agenda Item) के रूप में समुद्री सुरक्षा पर समग्र रूप से चर्चा की जाएगी। ये देखते हुए कि कोई भी देश अकेले समुद्री सुरक्षा के विविध पहलुओं पर कारगर ढंग से काम नहीं कर सकता। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस विषय पर समग्र रूप से विचार करना काफी अहम रहेगा है।"
भारत अतीत में इस मुद्दे पर नीतियां लेकर आता रहा है। साल 2015 में भारत ने सागर या 'क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास' के दृष्टिकोण को सामने रखा। साल 2019 में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भारत ने इंडो-पैसिफिक ओशन्स इनिशिएटिव या IPOI (Indo-Pacific Oceans Initiative) का ऐलान किया जिसमें फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया जैसे कई देश शामिल हुए। आईपीओआई में समुद्री सुरक्षा के सात स्तंभ हैं जो समुद्री पारिस्थितिकी (Marine Ecology) जुड़े हुए हैं। इन खासतौर से शामिल है समुद्री संसाधन, क्षमता निर्माण और संसाधन साझा करना, आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और शैक्षणिक सहयोग, और व्यापार संपर्क और समुद्री परिवहन।