नई दिल्ली: जहां एक और उत्तरी पूर्वी दिल्ली (North-East Delhi) दंगों की आग में जल रही है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस (Congress) के कुछ नेता इस आग में घी डालने का काम कर रहे हैं। शांति अमन भाईचारे और सौहार्द की अपील करने की बजाय आजादी के नारे लगवा रहे हैं। कुछ ऐसा ही काम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) करते हुए दिखे। दिल्ली (Delhi) के बिगड़ते और संवेदनशील माहौल के बीच सलमान खुर्शीद के वीडियो काफी वायरल हो रहा है। जिसमें एक बच्चे से आजादी के नारे लगवाए जा रहे हैं। उनका यह रवैया काफी भड़काऊ और उकसावे भरा है। वो ये अच्छी तरह से जानते हैं कि नेता होने के साथ-साथ वह एक बड़े ओपिनियन लीडर है। अगर वह इस तरह के काम को शह देंगे, तो हालात बिगड़ना तय है।
कांग्रेस पार्टी और उसके नेता यह बात अच्छी तरीके से जानते हैं कि, सीएए (CAA) कानून बनाते समय सभी संवैधानिक औपचारिकताओं को पूरा किया गया है। ऐसे में समुदाय विशेष को निशाना बनाते हुए उन्हें बरगलाकर माहौल बिगाड़ने से किसका फायदा होगा, यह देश भली प्रकार से जानता है। कांग्रेस समुदाय विशेष के कंधे पर बंदूक रखकर अपना उल्लू सीधा करने में लगी हुई है। उसे लगता है कि इस कवायद से उसका सियासी वजूद कायम रहेगा। लोगों के दिलों में नफरत और जहर भर कर वह खुद को फिर से स्थापित करने की जुगत में है।
कांग्रेसी किस कदर नफरत के सौदागर बने घूम रहे हैं, इस बात की तस्दीक यह वीडियो करता है। खेलने खाने की उम्र में एक बच्चा कौन सी आजादी की मांग कर रहा है? आजाद मुल्क में वह कौन से इंकलाब की मंशा रखता है? स्कूल जाने की बजाए, वो कौन सी सरफरोशी की तमन्ना पाले बैठा है? इसका जवाब ना तो कांग्रेस पार्टी की पास है और ना ही राहुल गांधी के।