न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): जनरल परवेज मुशर्रफ (General Pervez Musharraf) जो कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति थे, का 79 वर्ष की आयु में 5 फरवरी को निधन हो गया। लंबी बीमारी की वज़ह से मुशर्रफ का बीते रविवार को निधन हो गया। वो दुबई के एक अस्पताल में अपनी बीमारियों का इलाज करवा रहे थे।
परवेज मुशर्रफ का एमिलॉयडोसिस (Amyloidosis) नामक एक दुर्लभ बीमारी का इलाज चल रहा था, जिससे आखिरकर उनकी मौत हो गई। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति कई सालों से इस बीमारी से पीड़ित थे, और इसका उनके कई अंगों पर बड़ा बुरा असर पड़ा, जिससे कि वो अपने रोजाना के काम नहीं कर पा रहे थे।
परवेज मुशर्रफ 1999 से 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे और उन्हें बेनजीर भुट्टो (Benazir Bhutto) हत्या मामले और लाल मस्जिद मौलवी हत्या मामले में भगोड़ा घोषित किया गया था। वो पाकिस्तान की राजनीति में सबसे विवादास्पद शख्सियतों में से एक थे।
पाकिस्तान में लगायी इमर्जेंसी
राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की ओर से पाकिस्तान में आपातकाल की स्थिति घोषित की गयी, जो एक महीने से ज्यादा वक्त तक चली। इस दौरान पाकिस्तान का संविधान निलंबित कर दिया गया। पाकिस्तान में आगामी राष्ट्रपति चुनावों के लिये उम्मीदवारों की लिस्ट से मुशर्रफ को हटाये जाने की उम्मीद से ठीक पहले ये आपातकाल लगाया गया था।
कारगिल जंग के सूत्रधार
जनरल परवेज मुशर्रफ जो कि उस समय पाकिस्तानी सेना के प्रमुख थे, को भारत और पाकिस्तान (India and Pakistan) के बीच 1999 के कारगिल जंग का मास्टरमाइंड माना जाता है। मुशर्रफ वो थे जिन्होंने 1999 के लाहौर घोषणापत्र (Lahore Declaration) के साथ विश्वासघात किया और मार्च 1999 में जम्मू-कश्मीर में मुशकोह-द्रास-कारगिल-बटालिक (Mushkoh-Drass-Kargil-Batalik) मोर्चे पर भारत के खिलाफ कई सैन्य अभियान चलाये।
बेनजीर भुट्टो की हत्या
परवेज मुशर्रफ जो कि पाकिस्तान के सैन्य शासक थे, का नाम बेनजीर भुट्टो की हत्या में लिया गया था, जो कि देश की प्रधान मंत्री बनने की कतार में थी। भुट्टो ने हत्या की धमकी मिलने के बाद अपनी हिफाजत के लिये मुशर्रफ से अतिरिक्त सुरक्षा, बुलेटप्रूफ कारों और गार्डों की गुज़ारिश की थी, और इसके तुरंत बाद वो साल 2007 में सार्वजनिक रैली के दौरान बंदूक-ग्रेनेड हमले में मारी गयी।
9/11 के हमले और अफगानिस्तान में जंग
संयुक्त राज्य अमेरिका में 9/11 के हमले आतंकवादी और अल-कायदा नेता ओसामा बिन लादेन (Al-Qaeda leader Osama bin Laden) की ओर से किये गये थे, जो कि तालिबान (Taliban) के सुरक्षा जाल के तहत अफगानिस्तान में छिपा हुआ था। मुशर्रफ ने इस मौके को पाकिस्तान के साथ सीमा साझा करने वाले अफगानिस्तान (Afghanistan) के खिलाफ अमेरिका (America) के साथ सेना में शामिल होने के अवसर के तौर पर में देखा। अमेरिकी सहायता में बदले मुशर्रफ ने जंग के बीच अमेरिकी सेना को अफगानिस्तान में पहुँचाने में खासा मदद की।