न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): Air India की चार महिला पायलट ने विश्व की सबसे लम्बी उड़ान तय करके इतिहास रच दिया है। महिला पायलट वाले इस एयर इंडिया के विमान ने उत्तरी ध्रुव से सैन फ्रांसिस्को (SFO) से बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Kempegowda International Airport) के लिए उड़ान भरी थी जिसने लगभग 16,000 किलोमीटर की दूरी तय की।
कप्तान जोया अग्रवाल (Zoya Aggarwal) ने कहा कि “आज, हमने न केवल उत्तरी ध्रुव पर उड़ान भरकर, बल्कि सभी महिला पायलटों को भी सफलता दिलाकर विश्व इतिहास रचा है। हमने इसका हिस्सा बनकर बेहद खुश और गर्व महसूस किया है। इस मार्ग के जरिये 10 टन ईंधन की बचत हुई है।”
उत्तरी ध्रुव पर सबसे लंबी उड़ान कैप्टन ज़ोया के ताज में एक और सितारे की तरह है क्योंकि वह 2013 में बोइंग -777 उड़ाने वाली सबसे कम उम्र की महिला पायलट थी। जोया ने कहा कि “मैं बोइंग 777 पर दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला कमांडर हूं। महिलाओं को आत्म-विश्वास होना चाहिए, भले ही वे सामाजिक दबाव का सामना करें, किसी भी कार्य को असंभव नहीं मानना चाहिए।”
जोया, उत्तरी ध्रुव पर उड़ान की कमान संभालने वाली एयर इंडिया की पहली महिला कमांडर बनीं। हालांकि एयर इंडिया के पायलटों ने पहले भी ध्रुवीय मार्ग पर उड़ान भरी है, यह पहली बार है कि एक टीम के महिला पायलटों ने उत्तरी ध्रुव पर उड़ान भरी।
कैप्टन अग्रवाल, कप्तान पापागिरी थनमई, कैप्टन आकांशा सोनवरे और कैप्टन शिवानी मन्हास कॉकपिट में शामिल हुए थे।
फ्लाइट AI176, जो शनिवार को रात 8:30 बजे (स्थानीय समय) सैन फ्रांसिस्को से रवाना हुई, सोमवार को 3:45 बजे (स्थानीय समयानुसार) बेंगलुरु हवाई अड्डे पर उतरी।
एयर इंडिया की सैन फ्रांसिस्को-बेंगलुरु उड़ान का संचालन करने वाले चार पायलटों में से एक, शिवानी मन्हास ने कहा, “यह एक रोमांचक अनुभव था क्योंकि यह पहले कभी नहीं किया गया था। यहां तक पहुंचने में लगभग 17 घंटे लग गए।”
उड़ान से पहले, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी (Union Civil Aviation Minister Hardeep Puri) ने इस ऐतिहासिक उड़ान पर प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और कहा था, “एयर इंडिया की महिला शक्ति दुनिया भर में ऊंची उड़ान भरती है, हमारी नारी शक्ति एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर रही है।”
यह संयुक्त राज्य अमेरिका और दक्षिणी भारत के पश्चिमी तट के बीच पहली सीधी नॉन-स्टॉप उड़ान थी।
एयर इंडिया ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, “कल्पना करें: सभी महिला कॉकपिट क्रू। भारत में सबसे लंबी उड़ान। उत्तरी ध्रुव को पार करना। अभी तक के सभी रिकॉर्ड्स टूटे। सैन फ्रांसिस्को से बेंगलुरु के विमान AI176 द्वारा बनाया गया इतिहास।
उड़ान भरने से पहले AI कैप्टन जोया अग्रवाल ने कहा था कि उनकी टीम 9 जनवरी को इतिहास रचने का बहुत बेसब्री से इंतजार कर रही है। “दुनिया के ज्यादातर लोग अपने जीवनकाल में उत्तरी ध्रुव या यहां तक कि इसका नक्शा भी नहीं देख पाएंगे। यह उत्तरी ध्रुव पर दुनिया की सबसे लंबी उड़ान को कमांड करने का एक सुनहरा अवसर है।”
कैप्टन ने यह भी कहा कि “मुझे अपने साथ अनुभवी महिला टीम के कैप्टन थनमई पापागरी, आकांक्षा सोनवणे और शिवानी मन्हास के साथ होने पर बहुत गर्व है। यह पहली बार है जब महिला पायलट टीम उत्तरी ध्रुव पर उड़ान भरेगी और एक प्रकार का इतिहास रचेगी।”
विमानन विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तरी ध्रुव पर उड़ान भरना अत्यंत तकनीकी है और इसके लिए कौशल और अनुभव की आवश्यकता होती है।