एजेंसियां/न्यूज डेस्क (वृंदा प्रियदर्शिनी): आज(22 अप्रैल 2021) फ्रांस के विदेश मंत्री ने रूस को खुली चेतावनी देते हुए कहा कि अगर भूख हड़ताल पर बैठे क्रेमलिन आलोचक एलेक्सी नवैलिनी (Kremlin critic Alexei Navalny) की मौत किन्हीं कारणों से हो जाती है तो इसके लिये राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और रूसी अधिकारी सीधे तौर पर जिम्मेदार होगें। अगर ऐसा होता है तो फ्रांस, रूस पर कई कड़े अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिबंध लगायेगा। फ्रांसीसी विदेश मंत्री ने कहा कि इस बात को अंज़ाम तक पहुँचाने के लिये यूरोपियन यूनियन के मंच का इस्तेमाल किया जायेगा।
गौरतलब है कि 44 वर्षीय नवैलिनी कथित तौर पर क्रेमलिन द्वारा किये नर्व एजेंट हमले में बार बार बच गये थे। इस मामले पर रूसी प्रशासन ने अपना हाथ होने से साफ इंकार कर दिया था। तीन हफ़्तें रूसी हिरासत में रहने के दौरान एलेक्सी नवैलिनी ने बताया कि वो अंदर से काफी कमजोर महसूस कर रहे है। एलेक्सी नवैलिनी के समर्थकों के मुताबिक उनकी दोनों किड़नियां फेल होने का जोखिम लगातार बना हुआ है। साथ ही उन्हें कर्डियक अरैस्ट भी हो सकता है।
जीन-यवेस ले ड्रियन (Jean-Yves Le Drian) ने फ्रांस 2 टेलीविजन को बताया कि नवैलिनी पर ये हमला सहन नहीं किया जायेगा। हम रूस पर जरूरी प्रतिबंध लगा सकते है। जिसके लिये पुतिन और रूसी अधिकारी खुलेतौर पर जिम्मेदार होगें। मुझे लगता है कि हम जल्द ही इन हालातों को वास्तविकता में बदलते देखेगें। एक सवाल के ज़वाब में जीन-यवेस ले ड्रियन ने कहा कि अगर एलेक्सी नवैलिनी की मौत हो जाती है तो यूरोपीय ताकतें किस तरह का ज़वाब देगी।
हाल ही में रूस ने ऐसी कई कवायदों को अंज़ाम दिया, जिससे सत्तावादी बदलाव साफतौर पर देखा जा सकता है। इस पर ले ड्रियन ने कहा कि पूर्वी यूक्रेन की सीमा पर मॉस्को ने हजारों सैनिकों की तैनाती की है। अब वक़्त है प्रतिबंध लगाने के साथ इस मसले पर गहन चर्चा करने का। वो (पुतिन) अजीब पड़ोसी है … कभी-कभी तो बेहद खतरनाक, लेकिन वो अभी अपने अड़ियल रवैये पर कायम है। इसलिए हमें बातचीत जारी रखने की जरूरत है।
जीन-यवेस ले ड्रियन ने आगे कहा कि, मुझे नहीं लगता कि रूस यूक्रेन के मोर्चें पर अपने सिपलसालारों को जंग की आग में झोकेंगा, लेकिन सरहदों पर जंगी ताकतों की तैनाती किसी बड़ी अनहोनी का अंदेशा बनाये रखती है। गौरतलब है कि यूक्रेन अपनी पूर्वी सीमा और क्रीमिया (Ukraine’s eastern border and Crimea) पर लगातार रूसी सैनिकों के हस्तक्षेप के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन तलाशने की कवायद में लग हुआ है। इस इलाके को साल 2014 के दौरान कीव ने अपने संप्रभु क्षेत्र (Sovereign territory) में जोड़ा था।