Free coffee, सीटों का विकल्प, लाउंज का उपयोग: Airlines ने ‘माननीय सांसदों’ के लिए प्रोटोकॉल का पालन करने का दिया आदेश

न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): लापरवाही के कुछ मुद्दे सामने आने के बाद, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने अब देश में एयरलाइंस (Airlines) और हवाई अड्डों को उस प्रोटोकॉल का पालन करना जारी रखने के लिए कहा है जो हवाई यात्रा के दौरान संसद सदस्यों (सांसदों) को कुछ विशेषाधिकार देता है। मंत्रालय ने कहा कि सभी विमानन हितधारकों को प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए।

मंत्रालय ने एक पत्र में कहा, "हवाई अड्डों पर सांसदों को प्रोटोकॉल का विस्तार करने के लिए समय-समय पर निर्देश जारी किए गए हैं। हालांकि, हवाई अड्डों पर माननीय सांसदों के लिए प्रोटोकॉल का विस्तार करने के संबंध में लापरवाही के कुछ मुद्दे मंत्रालय के संज्ञान में आए हैं।"

प्रोटोकॉल के तहत, सांसदों को देश भर के सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर आरक्षित लाउंज सुविधाओं तक पहुंच प्राप्त होनी चाहिए और उन्हें चाय या कॉफी, या पानी मुफ्त (Free) में परोसा जाना चाहिए।

2007 में जारी किये गये प्रोटोकॉल दिशानिर्देश के अनुसार, "भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और अन्य हवाईअड्डा (Airports) संचालकों को संसद भवन कार पार्क के लिए सांसदों को जारी किए गए पास के आधार पर वीआईपी कार पार्किंग क्षेत्र में सांसदों के वाहनों की पार्किंग की सुविधा देनी चाहिए।"

पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 21 नवंबर, 2019 को लोकसभा को सूचित किया था कि सभी घरेलू निजी हवाई अड्डों और एयरलाइनों को इस प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए।

प्रोटोकॉल के तहत, एयरलाइनों के पास एक ड्यूटी मैनेजर या एक वरिष्ठ स्टाफ सदस्य होना चाहिए जो सांसदों को हवाई अड्डे पर रिपोर्ट करते समय चेक-इन औपचारिकताओं को पूरा करने में सुविधा प्रदान करे।

दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि उपलब्धता के अधीन उन्हें उनकी पसंद की सीटें आवंटित की जानी चाहिए और उड़ान में उनके लिए अग्रिम पंक्ति की सीटें आरक्षित करने का प्रयास किया जाना चाहिए।

सभी हवाई अड्डों को एक प्रोटोकॉल अधिकारी (protocol officer) नामित करना चाहिए, जिसे यह सुनिश्चित करना होगा कि सांसदों को सभी सुविधाएं या शिष्टाचार प्रदान किए जाएं।

प्रोटोकॉल के अनुसार, सभी CISF कर्मियों को उचित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि पहचान पत्र या बोर्डिंग कार्ड के साथ पहचान स्टिकर या सांसदों की पर्ची का सम्मान किया जा सके, और सुरक्षा जांच के दौरान सांसदों को उचित शिष्टाचार और प्राथमिकता दी जा सके।

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