नई दिल्ली (निकुंजा वत्स): हाल ही में अदालत ने मुफ़्त ऑक्सीजन सिलिंडर (Oxygen Cylinder) और फैबी फ्लू दवाई अवैध तरीके से रखने के आरोप में भाजपा सांसद गौतम गंभीर को न्यायमूर्ति विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पाटिल की अगुवाई वाली न्यायिक बेंच ने कड़ी फटकार लगाते हुए जांच के आदेश जारी कर दिये। कोर्ट के मुताबिक अगर गौतम गंभीर की वास्तव में ही लोगों मदद करने की मंशा थी तो उन्होनें मेडिकल इक्विपमेंट्स और ऑक्सीजन सिलिंडर सरकारी अस्पताल को मुहैया क्यों नहीं करवाये जहां इनकी सबसे ज़्यादा जरूरत थी।
कोर्ट ने आगे कहा कि जब पूरी दिल्ली में ऑक्सीजन सिलिंडर और कई दवाईयों की भारी कमी थी। उस दौरान गौतम गंभीर समेत कई पार्टी के नेताओं को ये सब मेडिकल सामान कहां से उपलब्ध हो रहा था। जबकि ये सभी सामान पंजीकृत मेडिकल पेशेवर की लिखित सिफारिश पर ही खरीदा जा सकता है। कोर्ट ने ये बात एक जनहित याचिका (wpc 953/2021) की सुनवाई के दौरान कहीं। जिसकी याचिकाकर्ता दीपक सिंह थे।
कोर्ट महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाओं की स्थायी समिति की के.नंदिता राव से मामले जांच करने और उसकी रिपोर्ट अदालत ने जमा करवाने के निर्देश दिये। साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि इसे मामले से जुड़ी सभी याचिकाओं सुनवायी में समाहित किया जाये। नयी शिकायतों को दर्ज करने का अधिकार भी के.नंदिता राव को दिया गया।
गौरतलब है कि ठीक इसी मामले पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच शाखा ने इंडियन यूथ कांग्रेस (Indian Youth Congress) के बीवी श्रीनिवासन और इमरान हुसैन पर जांच की कार्रवाई हुई थी। जिसमें पुलिस ने उन्हें क्लीन चिट दी। दूसरी ओर इमरान हुसैन ने फरीदाबाद से ऑक्सीजन खरीद से जुड़े दस्तावेज़ न्यायमूर्ति विपिन सांघी के सामने पेश किये। जिससे साफ हो गया कि, उन्होनें अपने पद का गलत इस्तेमाल नहीं किया। दिल्ली पुलिस की जांच कार्रवाई की जद में आने से कई भाजपा नेता बच गये। इसी मामले को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय की लॉ फैकल्टी के छात्र शैलेश कुमार चौहान ने के.नंदिता राव से राम सिंह बिधूड़ी और दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता की शिकायत की। शिकायतकर्ता छात्र ने भाजपा नेताओं की फेसबुक और ट्विटर पोस्ट के लिंक और स्क्रीन शॉट शिकायत में संलग्न किया। शिकायतकर्ता शैलेश कुमार चौहान के मुताबिक भाजपा नेताओं ने अपनी सियासी छवि और पॉलिटिकल माइलेज बनाये रखने के लिये ड्रग्स और कॉस्मेटिक एक्ट की धाराओं का खुला उल्लंघन किया।
शिकायतकर्ताओं ने Free Oxygen Cylinder मामले में भाजपा नेताओं पर उठाये ये सवाल
शिकायतकर्ता छात्र ने कई अहम और वाज़िब सवाल उठाये। जैसे कि दूसरी लहर के उछाल के दौरान जब आम नागरिकों को ऑक्सीजन सिलिंडर और कई जरूरी दवाईयां मुहैया नहीं हो पा रही थी। ऐसे में इन दोनों नेताओं के पास इनका स्टॉक कहां से आ गया? जहां एक केन्द्र सरकार ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की जद्दोजहद में लगी हुई थी, उस दौरान इन दोनों नेताओं ने ऑक्सीजन स्टॉक क्यों जमा किया?
शैलेख कुमार चौहान की मुताबिक दोनों नेताओं ने इरादतन ऑक्सीजन सिलिंडर और कई जरूरी दवाईयां का स्टॉक कर बाज़ार में इनकी कमी पैदा की। ताकि लोग इनकी चौखट पर मदद मांगने आ सके। शिकायतकर्ता ने ये भी सवाल उठाया की, किन मेडिकल पेशेवर के लाइसेंस के आधार पर खरीद की गयी? इनका कितना स्टॉक किया गया? कितने दिनों तक इनका स्टॉक किया गया? अगर दोनों ही नेताओं की मदद करने की मंशा थी तो इनकी कमी से जूझ अस्पतालों तक इन्हें क्यों नहीं पहुँचाया गया? किन स्रोतों से और कितनी मात्रा में ऑक्सीजन सिलिंडर और ऑक्सीजन इकट्ठा किये गये?
शिकायतकर्ता शैलेश कुमार चौहान ने अपनी शिकायत में दिल्ली भाजपा के फेसबुक पेज का हवाला दिया। जिसमें हैशटैग सेवा ही संगठन का इस्तेमाल करते हुए लिखा गया था कि, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता की अगुवाई में कोरोना पीड़ित लोगों के लिये ऑक्सीजन रिफिलिंग की व्यवस्था की गयी। शिकायतकर्ता के मुताबिक दिल्ली भाजपा और आदेश गुप्ता अगर लोगों की मदद करने के लिये इतने ही ललायित थे तो इस पोस्ट में ऑक्सीजन रिफिलिंग सेंटर का एड्रेस, कॉन्टेंट नंबर और दूसरी जरूरी जानकारियां क्यों नहीं दी गयी। ये सीधे तौर पर आम जनता के साथ पॉलिटिकल स्टंट खेला जा रहा है।
शिकायतकर्ता शैलेश कुमार चौहान ने रामबीर सिंह बिधूडी और भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता के खिलाफ मेडिकल ऑक्सीजन की जमाखोरी (illegal hoarding) करने के लिये गिरफ्तारी और कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है। इसके साथ ही खास जांच की मांग करते हुए इस मामले में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ भी उचित कानूनी कार्रवाई की मांग की है। जिनके इशारे या लिखित सिफारिश पर दोनों भाजपा नेताओं को मेडिकल ऑक्सीजन हासिल हो पायी। शैलेश कुमार के मुताबिक जब सभी भाजपा नेता इस काम में लिप्त और उन पर जांच हुई है तो रामबीर सिंह बिधूड़ी और आदेश गुप्ता की तरफ भी जांच और कानूनी कार्रवाई की सुई घूमनी चाहिये।