न्यूज़ डेस्क (प्रियंवदा गोप): कई मामलों में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan) को दक्षिण एशियाई देशों पर निर्भर रहना पड़ता है। पाकिस्तान की सामरिक जरूरतें अक्सर चीन पूरी करता है। पड़ोसी मुल्क ज्यादातर दवाइयों और मेडिकल इक्विपमेंट्स की सप्लाई के लिए भारत पर आश्रित है। तकरीबन 450 ज्यादा जीवन रक्षक दवाइयों की आपूर्ति भारत (India) उन हालातों में भी करता रहा, जब दोनों देशों के रिश्ते बेहद नाजुक दौर से गुजर रहे थे। भारत की ओर से सद्भावना दिखाते हुए पाकिस्तानी नागरिकों को अक्सर भारत में इलाज के लिए मेडिकल वीजा जारी किया जाता रहा है। अब इमरान खान सरकार भारतीय सद्भावना पर जांच कमेटी बैठाने जा रही है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट की माने तो भारत से मंगाई जाने वाली विटामिन की गोलियों और दूसरी जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति को लेकर जांच की जाएगी।
दरअसल पाकिस्तान सरकार की ओर से फरमान जारी किया गया कि, भारत से सिर्फ जीवन रक्षक दवाइयों के आयात को ही मंजूरी है। जिसकी आड़ में पाकिस्तानी फार्मेसिस्ट विटामिन जैसी मामूली दवाइयां भी आयात कर रहे हैं। जो हुक्मरानों को नागवार है। मौजूदा वक्त में इमरान खान के पास स्वास्थ्य मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार है, इसलिए इमरान ने मामले की छानबीन के लिए शहजाद अकबर को नियुक्त किया गया। विपक्ष द्वारा हंगामा मचाने के बाद, पाकिस्तानी स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों को भारत से मंगाई जाने वाली दवाइयों की लिस्ट सौंपने के तुगलकी फरमान जारी हो चुके हैं।
जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद, केंद्र शासित राज्य बनने के साथ ही पाकिस्तानी सरकार ने भारत पर इरादतन दवाओं की आपूर्ति रोकने के इल्जाम लगाए थे। हालांकि जरूरी दवाओं की कमी देखते हुए इस्लामाबाद ने भारत से जरूरी दवाइयों के आयात को मंजूरी दी। पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के नेता शहबाज शरीफ अक्सर इमरान खान सरकार को इस बात पर घेरते रहे है कि, हिंदुस्तान से दवाई खरीदने की छूट का पाकिस्तान में सीधे तौर पर ग़लत इस्तेमाल हो रहा है।