नई दिल्ली (एकता सहगल): वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंधाधुंध बढ़ते पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों (Fuel Price Hike) को सरकार के लिए धर्म संकट (दुविधा) बताया। बीते उन्होनें कहा कि राज्य और केंद्र दोनों पेट्रोलियम उत्पादों पर राजस्व कमाते हैं और दोनों पक्षों को इस पर चर्चा करनी चाहिए। इस दौरान उन्होनें कहा कि यहां सिर्फ केंद्र नहीं जिसे पेट्रोलियम से राजस्व मिलता हो, बल्कि यहां राज्य सरकारें भी है। मौजूदा हालातों में इसका 41 प्रतिशत राज्य को जाता है। ये काफी जटिल मुद्दा है। इसलिए मैं राज्य और केंद्र दोनों से एक साथ चर्चा करना चाहूंगी। निर्मला सीतारमण ने ये भारतीय महिला प्रेस कोर के कार्यक्रम के दौरान मीडिया द्वारा पूछे एक सवाल के ज़वाब में दी।
राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में कुछ स्थानों पर पेट्रोल की कीमतें 100 रुपये से ज़्यादा है। इन कीमतों में केन्द्र और राज्य सरकारों के राजस्व की हिस्सेदारी होती है। पेट्रोल की खुदरा कीमत में कुल राजस्व 60 प्रतिशत और डीजल पर 56 फीसदी कर लगाया जाता है। ये पूछे जाने पर कि क्या इस मामले के बारे में राज्यों के साथ उनकी कोई चर्चा हुई है? इस पर वित्त मंत्री ने कहा अभी तक उनकी किसी भी राज्य सरकार के साथ इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई है।
गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के दायरे में दोनों की कीमतें लाने से बढ़ती कीमतों का असर कम हो सकता है। जो कि कराधान व्यवस्था में एकरूपता (Uniformity in taxation system) भी लायेगा। इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद इस आखिरी फैसला लेगी क्योकिं जीएसटी काउंसिल ही अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था निकाय (Indirect tax administration body) के लिए बड़े फैसले लेती है। मौजूदा वक़्त केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क की एक निश्चित दर वसूलती है, जबकि वैट की विभिन्न दरों पर शुल्क लगाती है। GST के तहत दोनों पेट्रोलियम उत्पादों पर लगने वाले अप्रत्यक्ष कराधान प्रणाली से एकरूपता आयेगी। जिससे उच्च वैट दरों वाले राज्यों में ईंधन दरों की समस्या का समाधान निकलेगा।
केंद्रीय बजट 2021 के बारे में बात करते हुए, सीतारमण ने कहा कि बजट में सरकार ने ये सुनिश्चित किया है कि कहां और कितन बजट आबंटन करके उच्च उत्पादकता (high productivity) हासिल की जा सकती है। इसके साथ ही हमने ये भी सुनिश्चित किया कि हम इस अवसर का उपयोग करने के साथ महामारी में आर्थिक सुधारों को जारी रखे। केन्द्र सरकार ने इस बजट में भारतीय युवाओं को लाभान्वित करने के लिए अगले 20-25 सालों की योजना पर काम करने जा रही है ताकि भारत में युवाओं को अपनी प्रतिभा का एहसास हो सकें। बजट में भारत को विनिर्माण के हब के रूप में देखते हुए, उद्यमियों, व्यवसायों के लिए खास योजनाओं को अमली जामा पहनाया जायेगा।
अभिनेत्री तापसी पन्नू, फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप और अन्य लोगों की संपत्तियों पर इंकम टैक्स के छापे के बारे में पूछे जाने पर वित्त मंत्री ने कहा जब ये (छापे) पिछली सरकार के दौरान होते थे तो ये सब ठीक था और जब इस सरकार के दौरान ऐसा हो रहा है इसे गलत माना जा रहा है। छापेमारी की कार्रवाई में शामिल लोगों ने साल 2013 में भी ठीक इसी तरह की कवायद को अंज़ाम दिया था। तब ये कोई मुद्दा नहीं था, लेकिन अब इसे जानबूझकर मुद्दा बनाया जा रहा है।