न्यूज़ डेस्क (समरजीत अधिकारी): अंतरराष्ट्रीय बाज़ार कच्चे तेल की कीमतों (Crude oil prices) में कमी के मद्देनजर एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ)/जेट ईंधन में 3% की कमी आयी। ये बीते दो महीनों में पहली बार है कि एटीएफ ईंधन के दामों में गिरावट दर्ज की गयी है। तेल मार्केटिंग कंपनियों द्वारा जारी मूल्य अधिसूचना के मुताबिक एटीएफ के दाम 1,887 रुपये प्रति किलोलीटर की गिरावट आयी है। जिसके बाद अब इसका मूल्य 58,374 रुपये पर आ गया है। फरवरी महीने के बाद चार बार एटीएफ मूल्य में इज़ाफा होने के बाद पहली बार कीमतों में गिरावट दर्ज की गयी है।
इससे पहले 1 फरवरी को जेट ईंधन की कीमत में 3,246.75 रुपये प्रति किलोलीटर का उछाल देखा गया था। बाद में सिलसिलेवार तरीके से कीमत 16 फरवरी को 3.6 प्रतिशत और 1 मार्च को 6.5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी देखी गयी थी। 16 मार्च को एक बार फिर इसकी कीमत में 860.25 रुपये प्रति किलोलीटर की बढ़ोतरी की गयी। दूसरी ओर पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार दूसरे दिन स्थिर रहीं। उम्मीद है कि आने वाले वक़्त में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी गिरावट आ सकती है। दरअसल तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और साझेदार देशों ने धीरे-धीरे तेल उत्पादन बढ़ाने पर आम सहमति ज़ाहिर की है।
ओपेक के मुताबिक वो मई से जुलाई तक प्रतिदिन 2 मिलियन बैरल तक उत्पादन क्षमता को बढ़ायेगा। COVID-19 महामारी से उबर रही वैश्विक अर्थव्यवस्था को देखते हुए ये कदम उठाए जा रहे हैं। कुछ समय पहले ओपेक देशों ने उत्पादन में कटौती की थी, जिसके कारण कच्चे तेल की कीमतें लगातार इज़ाफा हो रहा था। मार्च महीने में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में तीन बार कटौती की गयी। पेट्रोल 61 पैसे सस्ता और डीजल के दाम 60 पैसे कम हुये। फिलहाल लगातार तीन दिनों तक कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। मार्च में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में तीन गुना कटौती का सबसे बड़ा कारण वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आयी गिरावट है।
महज़ तीन हफ्तों में कच्चे तेल की कीमतों में 10 फीसदी से ज़्यादा की गिरावट आयी। जिसके बाद कच्चे तेल की कीमत 71 डॉलर प्रति बैरल के उच्च स्तर से घटकर 64 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गयी। इससे पहले फरवरी में पेट्रोल और डीजल 16 गुना महंगा हो गया था। हालांकि पेट्रोल और डीजल की कीमतें अभी भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर कायम हैं।