न्यूज़ डेस्क (समरजीत अधिकारी): भारत और चीन का सैन्य तनाव (Military tension between India and China) अपने चरम पर पहुँचता दिख रहा है। भारतीय सेना अपनी ओर से कोई भी सामरिक और रणनीतिक (Strategic and tactical) खामी नहीं छोड़ना चाहती। जिसके लिए वायुसेना सीमा पर संयुक्त युद्धाभ्यास किया। हाल ही वायुसेना प्रमुख ने इस इलाके का दौर किया था। लेह में Su-30MKI, C-130J, C-17, Chinook, MI-17 और MiG-21 उड़ान भरते नज़र आये। बेहतर तालमेल (Better coordination) बनाने के लिए वायुसेना को थलसेना का साथ मिला।
गौरतलब है कि, सैन्य तनाव कम करने के लिए भारत ने चीन से कूटनीतिक वार्ता की है। बावजूद इसके केन्द्र सरकार बीजिंग (Beijing) के आश्वासन पर भरोसा करने की भूल नहीं करना चाहती है। ऐसे में इस कवायद को काफी अहम माना जा रहा है। भारत की कोशिश का सीधा असर दक्षिण-पूर्वी एशियाई शक्ति संतुलन (Southeast Asian Balance of Power) पर पड़ेगा। पीएलए के सैनिक अभी भी वास्तविक एलएसी पर तैनात है, जिसकी वज़ह से इलाके की शांति और स्थिरता को बड़ा खतरा है।
पूर्वी लद्दाख से चीनी सीमा से लगे सामरिक इलाकों जैसे गलवान घाटी, पैंगॉन्ग झील और दौलत बेग ओल्डी (Galwan Valley, Pangong Lake and Daulat Beg Oldi) में खासा तनाव देखा जा रहा है। युद्धाभ्यास के दौरान चिनूक और हरक्यूलिस (Hercules Cargo Aircraft) ज़्यादा ठंड और बेहद ऊंचाई वाले इलाके में अपनी क्षमतायें परखते नज़र आये। दोनों का ही इस्तेमाल माल ढ़ोने, रसद पहुँचाने और सैनिकों को एक जगह से दूसरे जगह ले जाने के लिए किया जाता है।
दूसरी ओर इस तनाव को देखते हुए इस्लामाबाद (Islamabad) ने साज़िशों को अन्ज़ाम देना शुरू कर दिया है। नियंत्रण रेखा (Line of control) पर सीमा पार काफी हलचल देखी जा रही है। तेजी से बढ़ते कोरोना इंफेक्शन (Corona infection) के बीच पाक ऑर्मी ने पीओके के सभी अस्पतालों में 50 फीसदी बेड्स सेना के लिए आरक्षित करवा लिये है। पाकिस्तान में चीनी वायुसेना अधिकारियों के दौरे के बाद तीन एयरबेस को हाईअलर्ट (Three airbase high alert) मोड पर रखा गया है।