नई दिल्ली (शौर्य यादव): लद्दाख (Ladakh) से लगती भारत-चीन सीमा (Indo-China Border) पर बढ़ते तनाव ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया है। 1962 के इंडो-चाइना युद्ध के बाद ये पहला मौका है। जब चीनी कार्रवाई से भारतीय जवानों शहीद हो गये। इलाके में तकरीबन 2 महीने से दोनों ओर के सैनिकों के बीच तनातनी चल रही थी। न्यूज़ एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक- बीते सोमवार देर रात चीनी सैनिकों से हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 2 जवानों सहित एक अधिकारी शहीद हो गया। चीन की ओर से आरोप लगाया गया कि, भारतीय जवान बॉर्डर पार करके चीनी इलाके में आ गए थे।
इस बीच भारतीय सेना का आधिकारिक बयान न्यूज़ एजेंसी पब्लिश करते हुए लिखा कि, गलवान घाटी (Galwan Valley) में मामले को शांत करने की प्रक्रिया जारी है। बीते सोमवार देर रात हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना को एक अधिकारी और 2 जवान गंवाने पड़े। दोनों ओर के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मामले को शांत करने के लिए बैठक कर रहे हैं।
न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक- चीन का विदेश मंत्रालय दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई झड़प में, शहीद हुए जवानों की संख्या पूछ रहा है। इस मुद्दे पर भारत की ओर से बयान दर्ज करवाया गया कि, भारतीय पक्ष किसी भी तरह की एकतरफा कार्रवाई नहीं करेगा अन्यथा ये और भी तनाव बढ़ाएगा।
हालातों को नाजुक होता देख रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत, सेना के तीनों अंगों के प्रमुख और विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर शामिल हुए। बैठक के दौरान पूर्वी लद्दाख के हुए घटनाक्रम पर चर्चा की गई।
देश के मौजूदा हालात केंद्र सरकार के लिए, किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। जहां एक ओर देश वायरस इन्फेक्शन के गंभीर संकट से जूझ रहा है, वहीं दूसरी ओर सामरिक मोर्चे पर मिली ये नई चुनौती गंभीर स्थिति को जन्म दे सकती है।