न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) के खुलते ही उत्तर प्रदेश से नई दिल्ली (New Delhi) का सफर काफी तेज हो जायेगा। 594 किलोमीटर का ग्रीनफील्ड खंड उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के 12 जिलों से होकर गुजरेगा और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत इसके आस-पास के इलाकों में सफर के वक्त को काफी हद तक कम कर देगा।
गंगा एक्सप्रेसवे के पहला चरण का काम चल रहा है। ये प्रयागराज जिले के जूडापुर दांडू से शुरू होगा और मेरठ जिले में बिजौली तक बेरोकटोक सफर की सुविधा मुहैया करवायेगा। ये परियोजना मेरठ और प्रयागराज (Meerut and Prayagraj) के अलावा प्रतापगढ़, रायबरेली, उन्नाव, हरदोई, शाहजहाँपुर, बदायूं, संभल, अमरोहा, बुलंदशहर और हापुड़ (Bulandshahr and Hapur) समेत यूपी के बड़े शहरों को जोड़ेगें। मेरठ और प्रयागराज में भी एक्सप्रेस-वे के मुख्य टोल प्लाजा होंगे
गंगा एक्सप्रेस वे का निर्माण नये सिरे से किया जा रहा है। ये छह लेन के एक्सप्रेसवे के रूप में खुलेगा। भविष्य में बढ़ती गाड़ियों के दबाव को देखते हुए इसे तैयार किया जा रहा है, जिसके तहत आने वाले कल की जरूरतों को देखते हुए इसे आठ लेन तक बढ़ाया जा सकेगा। गंगा एक्सप्रेसवे की बड़ी खासियतों में शाहजहाँपुर (Shahjahanpur) में 3.5 किलोमीटर लंबा हवाई क्षेत्र होगा। एक्सप्रेसवे में नदियों को पार करने वाले दो पुल होंगे, यानि कि गंगा नदी पर 960 मीटर का पुल और रामगंगा पर 720 मीटर का पुल बनाया जायेगा।
गंगा एक्सप्रेसवे पर मेरठ और प्रयागराज में स्रोत और गंतव्य टोल प्लाजा के अलावा 12 और टोल प्लाजा होंगे। मेरठ से एक्सप्रेसवे 96 किलोमीटर 8-लेन को होगा ये दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (Delhi-Meerut Expressway) के जरिये राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद (Noida and Ghaziabad) के आसपास के आर्थिक केंद्रों को एक दूसरे से जोड़ देगा।
गंगा एक्सप्रेसवे यमुना एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (Agra-Lucknow Expressway and Purvanchal Expressway) से भी जुड़ा होगा। ये कथित तौर पर पूर्वी यूपी से दिल्ली एनसीआर तक की दूरी को 11-14 घंटे से घटाकर 8-9 घंटे कर देगा। गंगा एक्सप्रेसवे का शिलान्यास दिसंबर 2021 में किया गया था और इसके 2024 में पूरा होने की उम्मीद है।