ये बेहद शर्मनाक बात है। ये करारा तमाचा है विकास के ठेकेदारों के मुँह पर और साथ ही उन लोगों के मुँह पर भी जो कानून व्यवस्था कायम करने का दम भरते है। जिन्होनें गुंड़ों को कॉलेज में घुसने दिया, घटना आँखों के सामने होती रही ये लोग चुप्पी साधे बैठे रहे, कोई कार्रवाई नहीं की। यहाँ महिलाओं के साथ छेड़छाड़ नहीं हुई, यहाँ छेड़छाड़ संविधान के बुनियादी ढांचे से की गयी है। सबसे खराब हालात तो कॉलेज प्रशासन के है, जिसने मामले को दबाने के लिए आड़ दी और साथ ही अपराधियों को भी संरक्षण दिया, जो राजनीतिक गुंडे थे। 4 दिन बाद दिल्ली पुलिस जागी और शिकायत दर्ज की, पर अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जा सकी है। अब वो वक़्त ज़्यादा दूर नहीं, जब राजनीतिक संरक्षण हासिल किये हुए गुंडे आपके घरों स्कूलों और कॉलेजों में घुसने लगेगें। जल्द ही ये लोग आपके बेडरूम में भी दस्तक दे सकते है। तो ऐसे में जाग जाइये आगे आपकी माँ, बहन बेटी को भी छेड़ा जा सकता है। उठिये और आवाज़ बुलन्द करिये बेहतर राष्ट्र के लिए, इससे ही अमानवीय कृत्यों का खात्मा होगा।
गार्गी कॉलेज की घटना लोकतन्त्र के लिए शर्मनाक
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