न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आज (23 मार्च 2023) गजवा-ए-हिंद मामले (Gazwa-e-Hind case) में चल रही अपनी जांच में महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश (Gujarat and Madhya Pradesh) में सात ठिकानों की तलाशी ली। गजवा-ए-हिंद की कवायद विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का इस्तेमाल करते हुए युवाओं के कट्टरपंथ से जोड़ने की है ताकि उन्हें हिंसक आतंकवादी कामों के लिये तैयार किया जा सके। एनआईए ने महाराष्ट्र के नागपुर (Nagpur of Maharashtra) और गुजरात में तीन और मध्य प्रदेश के ग्वालियर (Gwalior) में एक ठिकाने पर दबिश देकर छानबीन और पूछताछ की कार्रवाई को अंजाम दिया।
जिन ठिकानों की तलाशी ली गयी, उनमें आवासीय परिसर और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल संदिग्धों के ठिकाने शामिल है, जो कि सोशल मीडिया के जरिये मुस्लिम युवाओं के कट्टरपंथ की आंधी में झोंकने का काम कर रहे है। एनआईए ने शुरू में बिहार के फुलवारीशरीफ (Phulwarisharif of Bihar) पुलिस स्टेशन में पिछले साल 22 जुलाई को गजवा-ए-हिंद का मामला दर्ज किया था।
फुलवारीशरीफ जांच में एनआईए ने कहा था कि, ये पता चला है कि आरोपी मरगुब अहमद दानिश (Accused Margub Ahmed Danish) ने युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिये गज़वा-ए-हिंद” नाम से व्हाट्सएप ग्रुप बनाया, जिसके बाद वो कई विदेशी संस्थाओं के संपर्क में था।
इसी मुद्दे पर बयान देते हुए एनआईए ने कहा कि-“इस व्हाट्सएप ग्रुप में कश्मीर में चल रही आतंकी वारदातों और गतिविधियों को महिमामंडित करते हुए दिखाया गया ताकि युवाओं को हिंसा और कट्टरपंथ की राह पर धकेला जा सके। इसके साथ ही मरगुब अहमद दानिश ने गजवा-ए-हिंद बीडी नाम से एक और व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया था और हिंसा के जरिये से हिंदुस्तान फतेह करने के ख्वाब युवाओं को दिखा रहा था।”
बता दे कि इस साल 6 जनवरी को एनआईए ने मामले में बिहार में एनआईए की विशेष अदालत (NIA Special Court) में एक आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।