न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): सुनने में भले ही अटपटा लग रहा हो, लेकिन मौके पर मौजूद लोगों को शुरू में ऐसा ही लगा। मामला राजस्थान के सीकर जिले का है। जहां सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक (Central Cooperative Bank) की टोडा शाखा में एक ऐसे शख्स के खाते से पेंशन का पैसा निकाला गया, जो कि 4 महीने पहले मर चुका था। पेंशन का पैसा निकालने के लिए बकायदा विड्रॉल स्लिप भरकर मैनेजर को दी गयी थी। जिस पर सभी जानकारियों के साथ अंगूठा भी लगाया गया था। वाकया सामने आने पर सभी बैंक कर्मचारियों और ब्रांच मैनेजर के होश उड़ गये। लोगों का लगा कि ये काम भूत का है।
मामले की जांच पड़ताल करते हुए मालाराम गुज्जर उम्र 80 साल को धर दबोचा गया। जिसने माला राम जांगिड़ बनकर पेंशन का पैसा निकालने के लिए विड्रॉल स्लिप (Withdrawal slip) पर अंगूठा लगाया था। इस दौरान 5000 रूपये की नकदी निकाली गयी साथ ही उसने खुद की पेंशन भी निकाली। पकड़े जाने पर उसने दावा किया कि मृतक माला राम जांगिड़ का पोता उसके साथ आया था। निकाले गये पैसे उसने उसको दे दिये। मामले का खुलासा ब्रांच मैनेजर ललित कुमार की सूझबूझ से हुआ, उन्होंने मृतक के खाते में दर्ज मोबाइल नंबर पर बात की तो उन्हें पता लगा कि खाताधारक राम जांगिड़ 4 महीने पहले ही मर चुका है।
मामले का खुलासा होते ही शाखा प्रबंधक ने मालाराम गुर्जर के परिवार वालों को घटना की जानकारी देकर बैंक पर बुलाया परिवारवालों ने निकाले गये पैसे बैंक में दुबारा जमा करवा दिये। भले ही ये फर्जीवाड़ा बैंक कर्मचारियों की सतर्कता की वजह से पकड़ा गया हो, लेकिन ऐसे में सबसे बड़ा सवाल उठता है कि पैसे विड्रॉल करने से पहले सभी जानकारियों को बैंक कर्मचारियों ने सही से क्रॉस चेक क्यों नहीं किया? साथ ही आरोपी मालाराम गुर्जर ने जाली तरीके से पैसे निकालने के बाद अपनी भी पेंशन निकलवाई। इस दौरान उससे पूछताछ क्यों नहीं की गई। मामले पर शाखा प्रबन्धक ललित कुमार ने कहा कि अगर पांच हज़ार रूपये की रिकवरी ना होती तो बैंक पुलिसिया कार्रवाई करता।