न्यूज डेस्क (मृत्युजंय झा): वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने बीते शुक्रवार (26 अगस्त 2022) को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस के पूर्व नेता ने कहा कि वो अपनी पार्टी बनाने के लिये जल्द ही जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) का दौरा करेंगे। आजाद ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने की किसी तरह की संभावनाओं से भी इनकार किया।
आजाद इस समय दिल्ली (Delhi) में हैं, उन्होनें कहा कि वो अपने प्रशंसकों और स्थानीय लोगों से बात करने के लिये केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर का दौरा करेंगे, क्योंकि वहां उनकी नयी पार्टी की पहली इकाई का गठन किया जायेगा।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) को अपना इस्तीफा देने के बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि, “मैं जल्द ही जम्मू-कश्मीर का दौरा करूंगा। मेरी योजना जम्मू-कश्मीर में जल्द ही अपनी पार्टी शुरू करने की है। मैं बीजेपी में शामिल नहीं होऊंगा”
बता दे कि उनका ये कदम इसलिये भी अहम है क्योंकि इस साल के आखिर में जम्मू-कश्मीर में चुनाव होने हैं। 73 वर्षीय नेता ने अपने धमाकेदार त्याग पत्र में अपने अगले कदम का साफ संकेत दे दिया।
उनके त्याग पत्र के आखिर की कुछ लाइनों ने अपने इलाके के नेताओं के साथ एक नयी राजनीतिक पार्टी बनाने की उनकी योजना की इशारा करते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा कि, “मेरे कुछ अन्य सहयोगी और मैं अब उन मूल्यों को बनाये रखने के लिये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की तहों से परे रहेंगे, जिनके लिये हमने अपना पूरा जीवन समर्पित किया है।”
आजाद ने कांग्रेस के साथ अपने पांच दशक के जुड़ाव को खत्म कर दिया है। उन्होनें राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर पार्टी को बड़े पैमाने पर तबाह करने और पूरे कांग्रेसी सलाहकार तंत्र को “ध्वस्त” करने के लिये उन्हें फटकार लगायी।
तीन पूर्व मंत्रियों समेत आठ अहम कांग्रेस नेताओं ने आजाद के बाहर निकलने के कुछ घंटों बाद पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इनमें पूर्व मंत्री आर.एस. चिब, जी.एम. सरूरी और अब्दुल राशिद (GM Saroori and Abdul Rashid); पूर्व विधायक मोहम्मद अमीन भट, गुलज़ार अहमद वानी और चौधरी मोहम्मद अकरम (Gulzar Ahmed Wani and Choudhary Mohammad Akram); पूर्व एमएलसी नरेश गुप्ता और पार्टी प्रमुख सलमान निजामी (Salman Nizami) खासतौर से शामिल है। इन सभी ने आजाद के पक्ष में अपना इस्तीफा दे दिया है।
पूर्व मंत्री आर.एस. चिब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिख अपने त्याग पत्र में कहा कि- “पिछले दशकों में जम्मू-कश्मीर ने जो उथल-पुथल देखी है, उसे ध्यान में रखते हुए लोगों को आज़ाद जैसे नेता की जरूरत है, जो उन्हें बेहतर भविष्य की ओर ले जाने की पूरी काबिलियत रखते है। मुझे लगता है कि कांग्रेस पार्टी उस भूमिका को निभाने में सक्षम नहीं है, जो कि उम्मीद की जा रही थी”