न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर है, केंद्र सरकार जल्द ही Private employees की गणना शुरू करने जा रही है। इस दौरान कर्मचारियों के वेतन पर भी विचार किया जाएगा, यह भारत में पहली बार हो रहा है।
सरकार द्वारा यह गणना इसलिए की जा रही है जिससे की घरेलू कामगारों (domestic workers) को सामाजिक सुरक्षा (social security) के साथ न्यूनतम वेतन (minimum salary) दिया जा सके। इस दौरान, घरेलू कामगारों के साथ पेशेवरों (professionals) और प्रवासी श्रमिकों (migrant workers) का सर्वेक्षण भी किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी श्रम मंत्रालय के श्रम विभाग को सौंपी गई है।
सर्वे के लिए गठित होगी कमेटी
श्रम सर्वेक्षण (labour survey) के लिए विभाग द्वारा दो अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अर्थशास्त्रियों एसपी मुखर्जी (SP Mukherjee) और अमिताभ कुंडू (Amitabh Kund) की एक समिति बनाई गई है। यह समिति घरेलू श्रमिकों और पेशेवरों और प्रवासी श्रमिकों का सर्वेक्षण करेगी। हालांकि, इस सर्वेक्षण के तहत घर में श्रमिकों, सफाईकर्मियों और रसोइयों का सर्वेक्षण नहीं किया जाएगा। इस सर्वेक्षण में इन श्रमिकों को भी शामिल किया जा सकता है और 21 अक्टूबर को होने वाली बैठक में निर्णय लिया जाएगा।
जानिए क्यों किया जा रहा है ये सर्वेक्षण
श्रम मंत्रालय के अनुसार, अभी तक चार्टर्ड अकाउंटेंट (chartered accountants), वकील (lawyers), डॉक्टर (doctors), फैशन डिजाइनर (fashion designer) जैसे पेशेवरों का कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। इसलिए, यह जानने के लिए पेशेवरों का भी सर्वेक्षण किया जाएगा। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी कहा कि अब तक देश में घरेलू कामगारों का कोई डेटा नहीं है। डेटा एकत्र करने के बाद, प्रवासी मजदूरों के पंजीकरण और अन्य सुविधाओं के लिए जल्द ही एक पोर्टल भी बनाया जाएगा।