न्यूज़ डेस्क (समरजीत अधिकारी): सशस्त्र बलों की उच्च स्तरीय बैठक के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने सेना को हाई अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश जारी किए। बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस (Chief of Defence) स्टाफ सहित सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के मौजूदा हालातों की समीक्षा भी की। बैठक के दौरान चीन से लगी सीमा पर भारतीय सुरक्षा बलों को किसी भी तरह की कार्रवाई करने की पूरी छूट दी गई। साथ ही हालातों पर पैनी नज़र बनाए रखने के आदेश भी जारी किए गए।
पूर्वी लद्दाख की सीमा पर अतिरिक्त तैनाती के साथ, मिरर डिप्लॉयमेंट करने की भी तैयारियां पूरी कर ली गई है। केंद्र सरकार की ओर से भारतीय सेना को 500 करोड़ रुपए के इमरजेंसी फंड (emergency fund) को मंजूरी दी गई है। जिसकी मदद से भारतीय सेना तुरंत ही हथियार और गोला बारूद खरीद पाएगी। फंड का इस्तेमाल तीनों सेनाओं की डिप्टी चीफ की सिफारिश पर होगा। ये दूसरा मौका है, जब सरकार इस तरह से फंड जारी कर रही है। इससे पहले वायु सेना को बालाकोट एयर स्ट्राइक से पहले वित्तीय शक्तियां दी गई थी। इस फंड का ज्यादा फायदा भारतीय वायु सेना को मिलेगा, जिससे एयर टू ग्राउंड मिसाइल, एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल और स्पाइक बमों की खरीदारी में काफी तेजी देखने को मिलेगी।
हाल ही में स्वीडन के थिंक टैंक सिपरी द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक- भारत के परमाणु ज़खीरे में इज़ाफा हुआ है। मौजूदा वक्त में भारत के पास तकरीबन 150 न्यूक्लियर वेपन है। Stockholm International Peace Research Institute के अनुसार भारत विश्व में पहली एशियाई ताकत बन गया है, जो कि रक्षा उपकरण खरीदने के लिए बजट जारी करने वाला दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है। कोर कमांडर्स को अग्रिम सामरिक रणनीतियां बनाने के भी आदेश दिए गए हैं। सेना को चीन की तरफ से हुई किसी भी तरह की उकसावे की कार्रवाई का मनमाफिक जवाब देने की छूट, जवानों का हौसला बढ़ायेगी। साथ ही सेना को इमरजेंसी फंड के इस्तेमाल से कारगर हथियार खरीदने में भी आसानी होगी।