नई दिल्ली (समरजीत अधिकारी): भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह तमिलनाडु में सैन्य हेलिकॉप्टर हादसे (Helicopter Crash) में ज़िन्दा बचे। इस हैलीकॉप्टर क्रैश में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी समेत 11 अन्य लोगों की जान चली गयी। मौजूदा वक़्त में वेलिंग्टन के सैन्य अस्पताल में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को जीवन रक्षक प्रणाली (Life Support System) पर रखा गया हैं। देशभर के लोग उनकी सेहत की कामनायें कर रहे है। कुछ इसी तरह वो इसी तरह एक हवाई हादसे के दौरान बचे गये थे।
ग्रुप कैप्टन को हाल ही में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा असाधारण वीरता के कार्य के लिये शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। साल 2020 में सिंह लगभग मौत से बच गये उन्हें लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (Light Combat Aircraft) तेजस के सिस्टम की नाकामी का सामना करना पड़ा। इस दौरान उनका एयरक्राफ्ट काबू से बाहर हो गया।
ऐसी भयावह घटना के दौरान सिंह ने अपना आपा नहीं खोया और विमान को छोड़ दिया, उन्होंने साहस का परिचय दिया और लड़ाकू विमान की सुरक्षित लैडिंग करायी। इसी बहादुरी के लिये उन्हें शौर्य चक्र (Shaurya Chakra) से नवाजा गया था।
जब उन्हें शौर्य चक्र दिया जा रहा था तो उनकी जाब़ाजी का किस्सा कुछ इस तरह कहा गया। "ये एक अभूतपूर्व बड़ी नाकामी थी जो पहले कभी नहीं हुई थी। लड़ाकू विमान (Fighter Plane) तेजी से नीचे आ रहा था। बेहद शारीरिक और मानसिक तनाव वाले माहौल के बीच खतरनाक हालातों में उन्होनें संयम बनाये रखा और विमान पर नियंत्रण दुबारा पा लिया। इस दौरान उन्होनें अपने असाधारण उड़ान कौशल (Exceptional Flying Skills) का परिचय दिया।”
उनकी तारीफ में आगे कहा गया कि- सिंह ने कर्तव्य की पुकार से परे जाकर बड़ा जोखिम उठाया। उन्होनें बचाव और एहतियाती उपायों का आकलन किया। जिसके उन्होनें सटीक विश्लेषण अपने जीवन को खतरे में डालकर, उन्होंने न सिर्फ एलसीए (लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) के नुकसान को टाला, बल्कि नागरिक संपत्ति और जमीन पर आबादी की रक्षा भी की।"
टैड्रीं न्यूज ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता है!