न्यूज़ डेस्क (दीपक खन्ना): Global Pandemic के माहौल में अमेरिका के चेहरे से नकाब हटता जा रहा है। मौजूदा हालातों में भारत-अमेरिकी रिश्तों में खटास देखने को मिल रही है। शुरूआत अमेरिका की ओर से हुई है।अमेरिकी सरकार के तहत आने वाले US Commission on International Religious Freedom ने सिफारिश करते हुए भारत को Blacklist करने की बात कही। संयुक्त राष्ट्र अन्तर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतन्त्रता आयोग के मुताबिक, पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) की अगुवाई वाली सरकार के दौरान भारत में धार्मिक मामलों से जुड़ी आज़ादी में नकारात्मक बदलाव आया है। हालांकि नयी दिल्ली की ओर से आयोग की इस कवायद पर कड़ी आपत्ति दर्ज करवायी गयी है। नयी दिल्ली की आपत्तियों के बावजूद अमेरिकी पैनल अपनी राय पर कायम है।
US Commission on International Religious Freedom के मुताबिक, 2019 में मोदी सरकार के दूसरी बार सत्ता संभालते ही अल्पसंख्यकों पर होने वाले हमलों में भारी इज़ाफा दर्ज किया गया है। साम्प्रदायिक कट्टरता और मॉब-लिचिंग की वारदातों में खासा बढ़ोत्तरी हुई है। मोदी सरकार के शासन काल के दौरान समुदाय विशेष के लोगों के प्रति उकसावा बढ़ा, जिसके चलते उन पर होने वाले अत्याचारों में वृद्धि हुई। इसके साथ ही भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने प्रवासी मुसलमानों को दीमक तक कहा, जिसकी मुखालफत पूरे मुल्क में हुई। मुस्लिम बहुल कश्मीर सूबे में भी जनता की धार्मिक स्वतन्त्रता का हनन हुआ। जिसका वहां पर भारी आक्रोश देखा गया। बीते साल राजधानी दिल्ली में अल्पसंख्यकों पर हुए हमले की अनदेखी भी केन्द्र सरकार की ओर से हुई।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव के अनुसार- US Commission on International Religious Freedom का रवैया हमेशा से ही पक्षपातपूर्ण रहा है। इसमें कोई नयी बात नहीं है। हो सकता है कुछ गलत व्याख्याओं के कारण आयोग इस नतीज़े पर पहुँचा हो। स्थिति की समीक्षा करने के बाद अगर इस दिशा में कुछ गुंजाइशें होगी तो अवश्य ही जरूरी कदम उठाये जायेगें। धार्मिक स्वतन्त्रता कुचलने के मामले में राज्य विभाग ने आयोग को नौ देशों की लिस्ट सौंपी जिन्हें ब्लैक लिस्ट में शामिल किया गया। इनमें शामिल है, चीन (China), इरीट्रिया (Eritrea), ईरान (Iran), म्यांमार (Myanmar), उतर कोरिया (North-Korea), पाकिस्तान (Pakistan), सऊदी अरब (Saudi Arab), तजाकिस्तान (Tajikistan) और तुर्कमेनिस्तान (Turkmenistan)। साल 2018 के दौरान अल्पसंख्यकों पर हुए अंधाधुंध हमलों के बाद पाकिस्तान को इस लिस्ट में शामिल किया गया। हाल ही में जारी की गयी, नयी लिस्ट के तहत भारत समेत नाइजीरिया, रूस, सीरिया और वियतनाम को शामिल किया गया है।