न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): बीते 15 अगस्त को बिलकिस बानो गैंग रेप (Bilkis Bano Gang Rape) मामले में 11 दोषियों को गुजरात सरकार (Gujarat Government) ने उनकी छूट नीति के तहत रिहा कर दिया, इसके बाद से ही भाजपा प्रशासन (BJP Administration) को विपक्षी नेताओं ने कड़ी फटकार लगायी। साल 2002 के गुजरात दंगों (Gujarat Riots) के दौरान बिलकिस बानो के साथ गैंग रेप करने वाले 11 दोषियों की रिहाई के बाद बिलकिस बानो का परिवार काफी हैरत में है। परिवार ने दावा किया कि- गुजरात सरकार ने अभी तक उन्हें घर और नौकरी देने का अपना वादा पूरी नहीं किया है।
बिलकिस बानो के पति ने बीते मंगलवार (16 अगस्त 2022) को कहा कि 2002 के गुजरात दंगों के दौरान उनके परिवार के सात सदस्यों के गैंग रेप और हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा पाये सभी 11 दोषियों की रिहाई के बारे में उन्हें मीडिया से पता लगा, जिसके बाद से ही वो काफी हैरान और परेशान है। बिलकिस बानो के पति याकूब रसूल (Yakub Rasool) ने ने कहा कि वो मामले में हाल के घटनाक्रम पर बयान नहीं देना चाहते हैं।
रसूल ने कहा कि वो, उसकी पत्नी और पांच बेटे है। घटना के 20 साल बाद भी अभी तक सरकारी वादापूर्ति का इंतज़ार कर रहे है। गुजरात सरकार ने अभी तक घर और नौकरी देने का अपना वादा अभी तक पूरा नहीं किया है। हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि उन्होंने (दोषियों) ने अपना ऐप्लीकेशन कब प्रोसेस किया और राज्य सरकार ने किस फैसले पर विचार किया। हमें कभी किसी तरह का नोटिस नहीं मिला और हमें इस बारे में नहीं बताया गया। ऐसा कोई तरीका नहीं था जिससे हम इस बारे में पहले से जान सकें।
रसूल ने कहा कि गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्देश के अनुसार परिवार को 50 लाख रूपये का मुआवजा दिया। उन्होंने आगे कहा कि, “गुजरात सरकार ने अभी तक सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार नौकरी या घर की कोई व्यवस्था नहीं की है। परिवार बिना किसी स्थायी पते के छिपकर रह रहा है।”
बता दे कि 3 मार्च, 2002 को गोधरा (Godhra) के बाद के हुए दंगों के दौरान दाहोद जिले (Dahod District) के लिमखेड़ा तालुका (Limkheda Taluka) के रंधिकपुर (Randhikpur) गांव में भीड़ द्वारा बिलकिस बानो के परिवार पर हमला किया गया था। उस समय पांच महीने की गर्भवती बिलकिस के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गयी थी।