न्यूज डेस्क (आदर्श शुक्ला): गुजरात विशेष जांच दल (SIT) ने साल 2002 के गुजरात दंगों (Gujarat Riots) में सबूतों से कथित तौर पर छेड़छाड़ करने के मामले में मुंबई की सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Setalvad), सेवानिवृत्त डीजीपी आरबी श्रीकुमार (Retired DGP RB Sreekumar) और पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट (Former IPS officer Sanjiv Bhatt) के खिलाफ चार्जशीट दायर की है।
पुलिस उप महानिरीक्षक दीपन भद्रन (Deputy Inspector General of Police Deepan Bhadran) जो कि एसआईटी और आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) के प्रमुख हैं, ने खुलासा किया कि अहमदाबाद (Ahmedabad) की एक अदालत में तीनों के खिलाफ बीते मंगलवार (20 सितम्बर 2022) को आरोप पत्र दायर किया गया था।
सीतलवाड़ 2 सितंबर से ही जमानत पर चल रही है, जबकि श्रीकुमार 25 जून को गिरफ्तारी के बाद से ही हिरासत में हैं, उन्होनें गुजरात उच्च न्यायालय (Gujarat High Court) के सामने जमानत याचिका दायर की है, जिस पर 28 सितंबर को सुनवाई होनी है। दोनों को जून में गिरफ्तार किया गया था, जबकि भट्ट पहले से ही पालनपुर जेल (Palanpur Jail) में बंद है, उन्हें 1990 के हिरासत में मौत के मामले में दोषी ठहराया गया था।
सीतलवाड़, श्रीकुमार और भट्ट के खिलाफ धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 468 (जालसाजी), 471 (फर्जी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को असली के तौर पर इस्तेमाल करना), 194 (गलत सबूत देना या गढ़ना) भारतीय दंड संहिता के 211 (घायल करने के इरादे से किये गये अपराध का झूठा आरोप) और 218 (लोक सेवक को सजा या संपत्ति को जब्ती से बचाने के इरादे से गलत रिकॉर्ड बनाना या लिखना) के तहत चार्जशीट दायर की गयी थी।
बता दे कि साल 2002 के दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, उनकी मंत्रिपरिषद और नौकरशाहों की भूमिका पर क्लीन चिट को बरकरार रखने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर अहमदाबाद डिटेक्शन ऑफ क्राइम ब्रांच ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।