न्यूज डेस्क (ओंकारनाथ द्विवेदी): Gyanvapi Case: सुप्रीम कोर्ट ने आज (24 जुलाई 2023) आदेश दिया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI- Archaeological Survey of India) अपनी ओर से ये निर्धारित करे की वैज्ञानिक जांच करने के दौरान काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) और कथित ज्ञानवापी मस्जिद के मौजूदा ढांचे से किसी तरह की कोई छेड़छाड़ ना की जाये। ये फरमान उस वक्त सुनाया जब मस्जिद समिति की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई करने के लिये जब कोर्ट राजी हो गयी। बता दे कि ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) मंदिर तोड़कर बनाया गया है या नहीं, इसे लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कोर्ट के आदेश के बाद वैज्ञानिक जांच पड़ताल में लगा हुआ है।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) की अगुवाई वाली पीठ ने मस्जिद समिति की ओर से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ वकील हुज़ेफ़ा अहमदी (Senior Advocate Huzefa Ahmadi) की दलीलों पर ध्यान दिया कि मामले की तत्काल सुनवाई की जानी चाहिये। शीर्ष अदालत ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta), जो कि उत्तर प्रदेश सरकार (Government of Uttar Pradesh) की अगुवाई कर रहे है, से एएसआई टीम को सूचित करने के लिये कहा कि साइट पर मौजूदा ढांचे से छेड़छाड़ और खुदाई नहीं होनी चाहिये। इसके साथ ही एएसआई की कार्रवाई के दौरान नामाज़ियों को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिये।
न्यायिक पीठ ने कहा, ”हम इस पर (याचिका पर) दोपहर दो बजे सुनवाई करेंगे।”
बता दे कि वाराणसी (Varanasi) की एक अदालत ने बीते शुक्रवार (21 जुलाई 2023) एएसआई को गहन वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का फरमान जारी किया था। कोर्ट ने कहा था कि ASI को जहां जरूरी लगे, वहां वो खुदाई कर सकती है ताकि ये पता लग सके की क्या मस्जिद उस जगह पर बनायी गयी थी जहां पहले एक मंदिर मौजूद था?
मस्जिद का वज़ूखाना (छोटा सा तालाबनुमा ढ़ांचा, जहां पर नमाज पढ़ने से पहले हाथ-पांव धोये जाते है।) जहां हिंदू वादियों की ओर से शिवलिंग होने का दावा किया गया। अब परिसर में उस जगह अब सुप्रीम कोर्ट के पहले के आदेश के बाद सर्वेक्षण नहीं होगा।
जिला न्यायाधीश एके विश्वेश (District Judge AK Vishvesh) ने एएसआई को सर्वेक्षण कार्यवाही की वीडियो क्लिप और तस्वीरों के साथ 4 अगस्त तक कोर्ट में रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है।