न्यूज डेस्क (मृत्युजंय झा): ज्ञानवापी मस्जिद विवाद (Gyanvapi Masjid controversy) के बीच बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने आज (18 मई 2022) कहा कि सरकार लोगों का ध्यान बेरोजगारी और आसमान छूती महंगाई से हटाने के लिये धार्मिक स्थलों और एक खास समुदाय को निशाना बना रही है। मायावती (Mayawati) ने कहा कि, “बेरोजगारी, आसमान छूती महंगाई और अन्य मुद्दों से ध्यान हटाने के लिये भाजपा और उसके सहयोगी धार्मिक स्थलों को निशाना बना रहे हैं। ये किसी से छिपा नहीं है। यहां की स्थिति कभी भी बिगड़ सकती है।”
बसपा प्रमुख के मुताबिक केंद्र सरकार (Central Government) की मौजूदा कवायद धार्मिक आधार पर लोगों को भड़काने की साजिश है। उन्होने आगे कहा कि- आजादी के सालों बाद ज्ञानवापी, मथुरा, ताजमहल और अन्य जगहों के बहाने जिस तरह से लोगों की धार्मिक भावनाओं को साजिश के तहत भड़काया जा रहा है, उससे देश मजबूत नहीं होगा। भाजपा को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। मायावती ने लखनऊ में मीडिया से बात करते हुए कहा कि-लोगों को भाजपा से सतर्क रहने की जरूरत है।
अपने बात को आगे बढ़ाते हुए मायावती ने कहा कि- “जिस तरह से वो (भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार) एक समुदाय विशेष से संबंधित जगहों के नाम बदल रहे हैं, ये भाईचारे की भावना को चोट पहुंचाएगा और देश में सांप्रदायिक सद्भाव को प्रभावित करेगा। इससे नफरत बढ़ेगी। ये चिंताजनक है। सभी समुदायों के लोगों को इससे सर्तक होना चाहिए। इससे न तो भारत का भला होगा और न ही देश के आम लोगों का”
बीते मंगलवार (17 मई 2022) को समाजवादी पार्टी (SP) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि ज्ञानवापी जैसी घटनाएं पार्टी के “घृणा कैलेंडर” का एक हिस्सा हैं, मुद्रास्फीति और बेरोजगारी के मुद्दों पर केंद्र सरकार ज़वाबदेही से बचना चाहती है, जिसके लिये जानबूझकर ये सभी प्रयास किये जा रहे है।
आज (18 मई 2022) हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विष्णु शंकर जैन (Advocate Vishnu Shankar Jain) ने कहा कि वजूखाना के पास की दीवार को गिराने के लिये वाराणसी (Varanasi) की अदालत में एक आवेदन दायर किया गया है, जहां ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण के दौरान शिवलिंग (Shivling) पाये जाने का दावा किया गया है।