न्यूज़ डेस्क (उत्तर प्रदेश): वाराणसी की एक स्थानीय अदालत ने स्थानीय प्रशासन को काशी विश्वनाथ मंदिर के पास ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) के अंदर के क्षेत्र को सील करने का निर्देश दिया है, जहां तीन दिवसीय वीडियो सर्वेक्षण के दौरान एक शिवलिंग पाया गया है।
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वीडियोग्राफी सर्वेक्षण सोमवार को पूरा होने के बाद, हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं ने दावा किया कि कुएं के अंदर एक शिवलिंग पाया गया था। वकील विष्णु जैन ने शिवलिंग की सुरक्षा की मांग करते हुए सिविल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
अदालत ने अपने आदेश में जिलाधिकारी को उस स्थान को तत्काल सील करने का निर्देश दिया जहां शिवलिंग पाया गया था और आगंतुकों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने वाराणसी के डीएम, पुलिस कमिश्नर, पुलिस कमिश्नरेट और सीआरपीएफ कमांडेंट को भी सील किए गए इलाके की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
ज्ञानवापी मामले के याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य ने संवाददाताओं से कहा कि भले ही अधिवक्ता आयुक्त सर्वेक्षण के काम पर चुप्पी साधे हुए थे और उन्होंने दोहराया कि उनके निष्कर्षों की जानकारी मंगलवार को अदालत को दी जाएगी, लेकिन सर्वेक्षण के दौरान निर्णायक सबूत मिले हैं।"
हिंदू पक्ष के एक वकील मदन मोहन यादव ने दावा किया कि शिवलिंग नंदी मिले है। उन्होंने कहा, "शिवलिंग 12 फीट गुणा 8 इंच व्यास का है।"
शनिवार और रविवार को, मस्जिद के उन क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया गया, जो वकीलों हरि शंकर जैन और विष्णु जैन के अनुसार, मंदिर का हिस्सा हुआ करते थे। सोमवार को, मस्जिद के अंदर का तालाब जिसे मुसलमान वजू के लिए इस्तेमाल करते हैं (एक अभ्यास जिसमें नमाज से पहले हाथ, मुंह, नाक, हाथ, सिर और पैर पानी से धोना शामिल है) को सर्वेक्षण के लिए खाली कर दिया गया था। दावा किया जा रहा है कि तालाब में शिवलिंग (Shivling) मिला था।
ज्ञानवापी परिसर की पश्चिमी दीवार पर हिंदू मंदिर विध्वंस के अवशेष मिले हैं। इसके लिए चौथा ताला सोमवार को खोला गया, जबकि पहले तीन कमरों को शनिवार को सर्वे के दौरान खोला गया।
वाराणसी में काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद इस समय कानूनी लड़ाई का सामना कर रही है। वाराणसी की एक अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को ज्ञानवापी मस्जिद की संरचना की जांच करने का निर्देश दिया है। मस्जिद परिसर में पूजा के हिंदू प्रतीकों की मौजूदगी के दावों के पीछे की सच्चाई का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण किया गया है।
पांच महिलाओं - राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, सीता साहू और अन्य ने 18 अप्रैल, 2021 को अपनी याचिका के साथ अदालत का रुख किया, जिसमें इसकी बाहरी दीवारों पर हिंदू देवताओं की मूर्तियों के सामने दैनिक प्रार्थना की अनुमति मांगी गई थी। उन्होंने विरोधियों को मूर्तियों को कोई नुकसान पहुंचाने से रोकने की भी मांग की थी।