आज वैलेंटाइंस वीक (Valentine Week) का दूसरा दिन है। इसे वादों के दिन (Promise Day) के नाम से भी जाना जाता है। अक्सर वादों और इरादों का चोली दामन का साथ होता है। इस मौके पर प्रेमी जोड़े (Couples) एक दूसरे कुछ वादें करते है। वादें साथ रहने के, वादें रिश्तों (Relationship) को मजबूत करने के। तो आज हम इस दिन को प्यार (Love) और मोहब्बत के वादों से चार कदम आगे लेकर जा रहे है। और बताते है कि आप इस दिन किससे क्या वायदा करे।
वादा करे अपनी मोहब्बत सेः वक़्त की रफ्तार में हमारी मोहब्बत और निखरेगी। जैसे भी हालात हो हमारा साथ और मजबूत होता रहेगा। हम मिलकर एक-दूसरे के वजूद (Existence) मुकम्मल करेगें। जब वक़्त की दास्तानें गढ़ी जायेगी तो हमारे किस्सों की मौजूदगी, दूसरे आशिकों (Lovers) के लिए मिसाल होगी। जब एक-दूसरे का हाथ थामें हम निकले तो, महफिलों में रौनकें लग जाये।
वादा करे खुद से: जी हाँ सबसे पहले खुद से वादा करे। ज़िन्दगी के बेरहम थपेड़े (Merciless Moves of life) मुझे नहीं तोड़ सकते। मुश्किलों का सामना मैं डटकर करूँगा। जितने भी हालात मेरे खिल़ाफ बनेगें उतना ही मुझमें निखार आयेगा। खुशियां (Happiness) और उम्मीदों (Hope) की दस्तकों के लिए दरवाज़े खुले रखूंगा। टूटते ख़्वाबों को नयी उमंग से सराबोर करूँगा।
वादा करे बड़े-बुजुर्गों से: भागदौड़ भरे इस माहौल में घर के बुजुर्गवार (Elder Member of Family) लोगों को अकेले महसूस नहीं होने दूंगा। तसल्ली से बैठकर उनके साथ ज़िन्दगी के किस्से सुनूंगा। उनके तुर्जुबे (Experiences) का फायदा उठाऊंगा। जिन राहों पर चलकर उन्होनें ज़िन्दगी का सफर (Voyage of Life) तय किया है, उसकी बानगी आने वाली नस्लों (Generations) से साझा करूंगा। जो फलसफे (Philosophy) उन्होनें जियें उस पर चलने का वादा करूंगा उनसे।
कुदरत (Nature) से वादा करे: मैं तुम्हारी बयार (Breeze) और धूप को खुद में महसूस करूँगा। रोज़ सुबह तुमसे रूबरू होऊँगा। चिड़ियों की आवाज़ों में तुमसे मुकतल्लिफ़ बातें करूँगा। तुम्हारे इश़्क में पौधें रोपूंगा। कम से कम प्लास्टिक (Plastic) का इस्तेमाल करके तुम्हारा ख्याल रखूंगा। अंधेरी रातों में तारों की छांव तुम्हारा चेहरा पढ़ूंगा। तुम्हें खुद से अलग नहीं समझूंगा।
वादा करे अपने साथियों सेः तुम्हारा याराना (Friendship) ही मेरे लिए सब कुछ है। गम (Sorrow) और मुस्कुराहटें (Smiles) मिलकर बांटेगें। मुश्किलों के सामने मिलकर हौसलों की दीवार खड़ी कर देगें। जब दुनिया भर के सितम हम पर टूटगें तब हम यारियों का ज़ाम छलकाते हुए उसे ठेंगा दिखायेगें। ताकि दुनिया वाले देखे तो कहे, वक्त कैसा भी हो साथ रहते है वो।