न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): Hawala transactions: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोलकाता की एक कंपनी से संबंधित हवाला लेनदेन के सिलसिले में आज (5 जून 2022) दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Delhi Health Minister Satyendar Jain) के घर समेत छह अन्य स्थानों पर छापेमारी की। एजेंसी की अलग-अलग टीमों ने इस बड़ी कार्रवाई को अंज़ाम दिया। छापेमारी दिल्ली में छह जगहों पर की गयी। ईडी ने दिल्ली भर में जिन जगहों पर छापेमारी की, उनमें दक्षिण पूर्वी दिल्ली में राम प्रकाश ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड (Ram Prakash Jewelers Private Limited) खासतौर से शामिल है। इसके साथ ही ईडी ने गुरूग्राम (Gurugram) में भी एक ठिकानों की तलाशी ली।
बता दे कि बीती 30 मई को जैन को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (Money Laundering Act) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार करने के बाद एजेंसी ने ये छापेमारी की। 31 मई को निचली अदालत ने जैन को नौ जून तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था। ईडी की ये कवायद जैन को 30 मई को गिरफ्तार करने के कुछ दिनों बाद हुई है, जिसकी कई मायने निकाले जा रहे है। मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और इंडो मेटल इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड (Indo Metal Impex Private Limited) पर ईडी ने कार्रवाई की। इस दौरान एजेंसी ने अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड की .81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को कुर्क किया।
मामले में ईडी ने सत्येन्द्र जैन और उनकी पत्नी पूनम जैन (Poonam Jain) को मुख्य वादी बनाया है। शुरूआती दौर में सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति का मामला सत्येन्द्र जैन पर दर्ज किया था, जिसके बाद अब ईडी ने उसी केस की बुनियाद पर मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी गतिविधियों की छानबीन शुरू की। ये मामला 25 अगस्त 2017 को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने जैन के खिलाफ दर्ज किया था।
ईडी ने सीबीआई की एफआईआर की बुनियाद पर आप नेता के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था। जिसमें ये आरोप लगाया गया था कि जैन चार कंपनियों के जरिये हासिल धन के स्रोत को बता नहीं पाये, जिन कंपनियों में वो खुद भी शेयर होल्डर थे। ईडी के मुताबिक जैन ने कथित तौर पर दिल्ली में कई मुखौटा कंपनियां (Shell Companies) बनायी थीं या खरीदी। उन्होंने कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटरों (Hawala Operators) की 54 मुखौटा कंपनियों के जरिये 16.39 करोड़ रुपये का काला धन भी निकाला।
सूत्रों के मुताबिक सत्येंद्र जैन के पास बड़ी तादाद में प्रयास, इंडो और अकिंचन कंपनियों के शेयर थे। हालांकि रिपोर्ट्स के मुताबिक केजरीवाल की सरकार में मंत्री बनने के बाद साल 2015 में उनके सारे शेयर उनकी पत्नी के नाम ट्रांसफर कर दिये गये। ये कंपनियां कोलकाता में दूसरी कंपनियों को कैश पेमेंट ट्रांसफऱ करती थीं और ये कंपनियां बाद में शेयर खरीदने के बहाने कानूनी हथकंडों का इस्तेमाल करके जैन को पैसा वापस भेजने लगी। कंपनियों ने कथित तौर पर साल 2010 से 2014 तक सत्येंद्र जैन को 16.39 करोड़ रुपये का मनी लॉन्ड्रिंग किया है।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक जब आयकर विभाग (Income tax department) ने मुकदमा चलाया तो जैन ने वैभव जैन और अंकुश जैन (Vaibhav Jain and Ankush Jain) के पास रखे बेनामी पैसों को इंकम डिस्क्लोजर स्कीम 2016 के तहत 16.39 करोड़ रुपये की नकदी वाले काले धन को सरेंडर कर दिया। नवंबर 2019 में गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित मामलों में दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी।
बता दे कि गृह और स्वास्थ्य के अलावा सत्येंद्र जैन के पास आम आदमी पार्टी की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार में बिजली और पीडब्ल्यूडी समेत अन्य विभाग हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बीते शनिवार (4 जून 2022) को ईडी द्वारा पूछताछ के दौरान दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को वकील रखने की मंजूरी देने वाले विशेष अदालत के आदेश पर रोक लगा दी। इससे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 25 अगस्त 2017 को जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के एक और मामले में एफआईआर दर्ज की थी।