न्यूज़ डेस्क (शौर्य यादव): देशभर में वायरस के खिलाफ छिड़ी जंग में, पुलिस, सुरक्षा बल, पैरामेडिकल स्टॉफ, सफाई कर्मी और डॉक्टर्स (Doctors) काफी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहे हैं। पीएम मोदी ने इन्हें कोरोना वॉरियर्स (Corona Warriors) के खिताब से नवाजा। इनके सम्मान में भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) ने देश के अलग-अलग हिस्सों में फ्लाई पास्ट (fly past) निकाला, सेना के हेलीकॉप्टरों (Helicopters) द्वारा फूलों की बारिश की गई। आनन-फानन में कई घोषणाएं करके, इन्हें किसी तरह के संसाधनों की कमी ना होने देने का आश्वासन दिया गया। बावजूद इसके देश के कई सरकारी अस्पताल सीमित संसाधनों (Limited resources) का इस्तेमाल करते हुए मौजूदा हालातों से जूझ रहे हैं।
ताजा मामला दिल्ली के हिंदू राव मेडिकल कॉलेज (Hindu Rao Medical College) का है। अस्पताल उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित किया जाता है। यहां काम करने वाले डॉक्टरों की सैलरी निगम द्वारा बीते 4 माह से जारी नहीं की गई। रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ अभिमन्यु सरदाना (Resident Doctors Association President Dr. Abhimanyu Sardana) ने पत्र लिखकर, निगम को इस बारे में सूचना दी। साथ ही पत्र में वेतन नहीं कार्य नहीं की बात भी कही गई है। रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन की ओर से लिखे गए औपचारिक पत्र की कॉपी दिल्ली की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) को भी भेजी गई है। रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन 18 जून तक का अल्टीमेटम दे दिया है, अगर इस दौरान उनका वेतन जारी नहीं किया जाता है तो, वे काम बंद कर देंगे।
दूसरी और कस्तूरबा गांधी अस्पताल (Kasturba Gandhi Hospital) के डॉक्टरों को भी मार्च से वेतन नहीं जारी किया गया है। वहां के डॉक्टर अब सामूहिक त्यागपत्र (Mass resignation) देने का मन बना चुके हैं। मामले को बढ़ता देख उत्तरी दिल्ली नगर निगम (North Delhi Municipal Corporation) के महापौर अवतार सिंह (Mayor Avtar Singh) ने कस्तूरबा गांधी अस्पताल के डॉक्टरों को आश्वासन दिया और 1 सप्ताह के भीतर वेतन जारी करने की बात कही। मौजूदा हालातों में उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित अस्पताल के डॉक्टरों को दोहरे मोर्चे पर जूझना पड़ रहा है। सीमित संसाधनों और इंफेक्शन (Infection) के जोखिम बीच उन्हें समय से वेतन का भुगतान भी नहीं किया जा रहा।