न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): कर्नाटक पुलिस (Karnataka Police) ने बेंगलुरू के ईदगाह मैदान (Idgah ground of Bengaluru) में लगभग 1,500 पुलिस कर्मियों को तैनात किया। सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को गणेशोत्सव समारोह (Ganeshotsav Celebrations) की अनुमति नहीं देने का आदेश दिया था। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिये 47 इंस्पेक्टर, 130 एसआई और 126 अस्सिटेंट सब इंस्पेक्टर समेत 900 कांस्टेबलों को मौके पर तैनात किया।
कुल रैपिड एक्शन फोर्स (RAF- Rapid Action Force) 120 कर्मियों, 100 विशेष गोला बारूद विशेषज्ञों की एक टीम और कर्नाटक राज्य रिजर्व पुलिस (KSRP- Karnataka State Reserve Police) के 10 प्लाटून को भी तैनात किया गया। चामराजनगर नागरिक मंच (Chamarajanagar Citizen Forum) जो कि कानूनी लड़ाई लड़ रहा था और अधिकारियों से ईदगाह में गणेशोत्सव मनाने की मंजूरी देने का आग्रह कर रहा था, ने कहा है कि वो सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करेगा।
फोरम के अध्यक्ष रामे गौड़ा (Rame Gowda) ने कहा कि संगठन अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखेगा और उन्हें आने वाले दिनों में उन्हें अपनी जीत का पूरा भरोसा है।
इस बीच कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) ने धारवाड़ (Dharwad) नगर आयुक्त के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें हुबली ईदगाह मैदान (Hubli Idgah Ground) में गणेश चतुर्थी उत्सव की मंजूरी दी थी। देर रात के आये आदेश में न्यायमूर्ति अशोक एस किनागी ने कहा कि संपत्ति धारवाड़ नगरपालिका की थी और याचिकाकर्ता अंजुमन-ए-इस्लाम (Anjuman-e-Islam) वहां सिर्फ एक पट्टाधारक है।
नगर आयुक्त ने परिसर के अंदर उत्सव आयोजित करने का आदेश दिया था। इस्लामिक निकाय ने कथित आदेश को चुनौती दी। अंजुमन-ए-इस्लाम ने दावा किया कि विचाराधीन संपत्ति को पूजा स्थल अधिनियम 1991 के तहत संरक्षित किया गया था, जो कि कहता है कि किसी भी धार्मिक पूजा स्थल को बदला नहीं जा सकता है।
अपने आदेश में अदालत ने कहा कि संपत्ति पूजा की जगह नहीं थी और वहां सिर्फ बकरीद और रमजान (Bakrid and Ramadan) जैसे त्योहारों के दौरान नमाज़ पढ़ने की मंजूरी थी। बाकी वक़्त जगह का इस्तेमाल बाज़ार और पार्किंग स्थल के तौर पर किया जाता है। अंजुमन-ए-इस्लाम ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बेंगलुरु की ईदगाह ज़मीन के मामले में यथास्थिति बनाये रखने के आदेश के बाद याचिका दायर की थी।
उच्च न्यायालय ने कहा कि बेंगलुरू के चामराजपेट मैदान (Chamarajpet Ground) में यथास्थिति बनाए रखने का उच्चतम न्यायालय का आदेश भी इस मामले पर लागू नहीं होता। अदालत ने बताया कि चमराजपेट मुद्दे में संपत्ति के मालिकाना हक़ को लेकर विवाद शामिल है, जबकि हुबली (Hubli) मैदान नगरपालिका का है, जिसे अंजुमन-ए-इस्लाम ने भी माना है।
जहां कहा गया कि अगर बेंगलुरू ईदगाह मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का कोई आदेश होता है, तो उसके सामने उसका उल्लेख किया जा सकता है। शीर्ष अदालत ने बेंगलुरू मामले में यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया और राज्य सरकार द्वारा मनाये जाने वाले गणेश चतुर्थी उत्सव को रोकना पड़ा।
इस मामले का जिक्र हुबली मामले में हुआ था। न्यायमूर्ति किनागी (Justice Kinagi) ने रात 10 बजे अपने आधिकारिक कक्ष में मामले की सुनवाई की। उन्होंने राज्य सरकार के अधिवक्ता समेत सभी पक्षों को सुनने के बाद देर रात 11.15 बजे ये आदेश सुनाया।